रायपुर: अधिकारियों की लापरवाही से न सिर्फ पैसों की बर्बादी हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. अधिकारियों की मनमानी के कारण कैसे कोई योजना जमीन पर नहीं उतर पाती है, इसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से सटी अभनपुर तहसील में देखने को मिलता है.
जिम्मेदारों की मनमानी से बंजर हो रही जमीन, कागजों में सिमट गया 'हरियर छत्तीसगढ़' - जिम्मेदारों की मनमानी
रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के सुंदरकेरा गांव में 53 हेक्टेयर जमीन पर आम, जामुन, आंवला, करंज जैसे 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये जमीन पौध रोपण के कुछ ही दिनों बाद फिर से बंजर हो गई.
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने 'हरियर छत्तीसगढ़' कार्यक्रम के तहत प्रदेश में खाली पड़े जमीन पर फलदार पौधे रोपने की योजना बनाई थी. इसके तहत प्रदेश ऐसे जमीनों को चिन्हित कर वहां पौधे रोपे गए थे, जहां खेती नहीं होती थी, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ये योजना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई.
'हरियर छत्तीसगढ़' कार्यक्रम के तहत रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के सुंदरकेरा गांव में 53 हेक्टेयर जमीन पर आम, जामुन, आंवला, करंज जैसे 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये जमीन पौध रोपण के कुछ ही दिनों बाद फिर से बंजर हो गई. स्थानीय बताते हैं, पैधे रोपने के बाद किसी जिम्मेदार ने इसकी ओर पलटकर नहीं देखा, जिससे रख-रखाव और पानी की कमी के कारण आधे पौधे लगाने के कुछ ही दिनों बाद सूख गए और कुछ पौधों को आवारा मवेशियों ने बर्बाद कर दिया देश-दुनिया में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने पेड़-पौधे लगाने की योजना बनाई थी.