रायपुर: राजधानी के टाटीबंध चौक पर मार्च 2018 से मार्च 2019 के बीच 57 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 13 वाहन चालकों की मौत हो गई है. आड़े तिरछे निर्माण की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है.
57 हादसों का गवाह है ये रास्ता टाटीबंध चौक पर एक साल में 57 सड़क हादसे हो चुके हैं और 13 लोगों की जान चली गई है. यह आंकड़ा साल भर का है, जिसमें कई लोग घायल भी हुए हैं.
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा गया है नोटिस
इस हादसे को देखते हुए पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नोटिस भेजा है. वहीं इस चौक के बारे में ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि इस जगह पर ओवरब्रिज बनना है, लेकिन अभी उसमें समय लगेगा. चौक की बनावट ऐसी है कि रायपुर से भिलाई और भिलाई से रायपुर आते समय गाड़ियां एक दूसरे के आमने- सामने आ जाती हैं.
ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि ट्रैफिक इंजीनियर के हिसाब से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को बदलाव करने के लिए पत्र लिखा गया है और टाटीबंध चौराहे का पुनर्निर्माण कराना अति आवश्यक है. राष्ट्रीय राजमार्ग 53 का हिस्सा होने के कारण टाटीबंध चौक में सुधार की आवश्यकता है.
करोड़ों रुपए की लागत से होगा ब्रिज का निर्माण
वहीं पुलिस ने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि केंद्रीय योजना के तहत टाटीबंध में बड़े ब्रिज का निर्माण होना है. अटारी बिलासपुर रायपुर दुर्ग भिलाई की तरफ से आने वाली गाड़ियां चौक के नीचे से जाने के बजाय सीधे ब्रिज के ऊपर से निकलेंगी. करोड़ों रुपए की लागत से ब्रिज बनेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति तो दे दी है, लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो सका है.
अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह भी कहा कि काम शुरू होने तक दूसरा विकल्प नहीं ढूंढा गया तो हादसे होते रहेंगे. शहर के एंट्री प्वाइंट्स में सबसे ज्यादा वाहनों का दबाव टाटीबंध चौक में ही है.