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वनांचलों में नहीं सफल हो पाई 'पढ़ाई तुंहर दुआर' योजना! छोटे समूहों में टीचर लेंगे क्लास

'पढ़ाई तुंहर दुआर' के तहत रायगढ़ में करीब 1 लाख 94 हजार 813 बच्चे रजिस्टर्ड हैं. जिनमे से 14 हजार 834 बच्चों के घरों तक नेटवर्क नहीं आता, जबकि 27 हजार 770 बच्चों के अभिभावकों के पास मोबाइल नहीं है. शिक्षा विभाग अब पढ़ाई से वंचित हो रहे बच्चों को छोटे-छोटे समूहों में क्लास लगाकर पढ़ाने की तैयारी कर रहा है.

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रायगढ़ में छोटे समूहों में टीचर लेंगे क्लास

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Published : Jul 15, 2020, 3:39 PM IST

रायगढ़:लॉकडाउन के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूली छात्र-छात्राओं को पढ़ाई कराने के लिए 'पढ़ाई तुंहर दुआर' योजना लाई, जिसमें इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है. इस योजना के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं को इंटरनेट की मदद से मोबाइल पर लाइव क्लास के जरिए पढ़ाया जा रहा है. लेकिन रायगढ़ जिले में ये योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है.

रायगढ़ में छोटे समूहों में टीचर लेंगे क्लास

जिले के सुदूर वनांचल ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या है और कई परिवार ऐसे भी हैं, जिनके पास मोबाइल भी नहीं है. इन परेशानियों को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने नई तरकीब निकाली है, जिसमें ऑनलाइन क्लास से वंचित रहने वाले बच्चों को छोटे-छोटे समूहों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्लास में पढ़ाया जाएगा. इन क्षेत्रों में क्लास लगाने की तैयारी की जा रही है.

पढ़ें- SPECIAL: नेटवर्क नहीं पहुंचा तो पहुंच गए शिक्षक, ऑफलाइन ज्ञान और बच्चों का पूरा ध्यान

'पढ़ाई तुंहर दुआर' के तहत रायगढ़ में करीब 1 लाख 94 हजार 813 बच्चे रजिस्टर्ड हैं. जिनमे से 14 हजार 834 बच्चों के घरों तक नेटवर्क नहीं आता, जबकि 27 हजार 770 बच्चों के अभिभावकों के पास मोबाइल नहीं है. ऐसे बच्चों को छोटे-छोटे समूहों में पढ़ाने की तैयारी की जा रही है, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी.

छोटे समूहों में बुलाकर कराई जाएगी पढ़ाई

'पढ़ाई तुंहर दुआर' के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन डिजिटल क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराया जाना था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी और आर्थिक समस्या के कारण मोबाइल न ले पाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे में अब स्कूल शिक्षा विभाग राज्य शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण इलाकों में जाकर स्कूली छात्र-छात्राओं को छोटे-छोटे समूहों में बिठाकर पढ़ाई करवाएंगे. इससे उनकी जो शिक्षा है वह प्रभावित नहीं होगी. इसके अलावा कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में लाउडस्पीकर के माध्यम से भी पढ़ाई कराई जा रही है. जहां इंटरनेट से जुड़ी योजनाएं सफल नहीं हो पा रही है वहां भी छोटे समूह बनाकर पढ़ाई कराने की व्यवस्था की जाएगी.

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