रायगढ़: बीते गुरुवार को सारंगढ़ निवासी अधेड़ भाभीखान साहू की MRI कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को एंबुलेंस नहीं थी, जिसके बाद मजबूरन परिजन घायल युवक को ऑटो से MRI कराने ले गए थे.
परिजन अपने मर्जी से ले गए अब इस मामले में हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर प्रवीण जांगड़े का कहना है कि 'मरीज के परिजनों को समझाइश दी गई थी कि घायल को बाहर नहीं ले जा सकते. एंबुलेंस और डॉक्टर की निगरानी में ही घायल व्यक्ति को जांच के लिए बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन परिजनों ने नहीं माना और अपनी मर्जी से मरीज को बाहर ले आए हैं'.
मरीजों के परिजनो का प्रबंधन पर आरोप
गंभीरता को समझते हुए डॉक्टर ने मरीज के परिजन से पत्र लिखवा लिया, जिसमें किसी भी विपरीत परिस्थिति जैसे मरीज की मौत या अन्य कारणों के लिए उनके परिजन ही जिम्मेदार रहेंगे. जबकि इस मामले में परिजनों का कहना है कि, डॉक्टरों ने उनके भाई के इलाज में कोई रुचि नहीं दिखाई, इसीलिए मजबूरन उन्होंने यह कदम उठाया. अब देखना होगा अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारी इस गंभीर मामले की जांच करते हैं या नहीं.
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एंबुलेंस होने के बाद भी ऑटो का सहारा
बता दें सारंगढ़ के मुड़पार में रहने वाला भाभीखान साहू पेड़ से गिर गया था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने बताया कि 'उसकी कमर की हड्डी टूट गई है. जिसके बाद मरीज को गुरुवार को MRI कराने के लिए अस्पताल से बाहर जाना था. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं की, जिसके बाद मरीज के परिजनों ने मजबूरन ऑटो का सहारा लिया'.