रायगढ़:औद्योगिक नगरी होने के कारण रायगढ़ में भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में जिले में सड़कें भी जल्दी ही खराब हो जाती है. खराब सड़कें और भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क हादसे भी ज्यादा होती है. रायगढ़ से निकलने वाली कुछ सड़कों पर कुछ खास मोड़ या जगह पर दुर्घटनाएं ज्यादा होती है. जिसे ब्लैक स्पॉट कहते हैं. रायगढ़ में कई ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. नेशलन हाई-वे के अलावा यहां से स्टेट हाइ-वे भी गुजरती है. जहां 2 ब्लैक स्पॉट चिन्हिंत किए गए हैं. ब्लैक स्पॉट ऐसी जगह होती है, जहां हादसों की आशंका ज्यादा बनी रहती है. रायगढ़ जिले से निकलने वाली सड़कों में कई ब्लैक स्पॉट हैं.
सड़क हादसे और हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सड़क हादसे में महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन का भी कोई असर नहीं दिखा रहा है. यहां के स्थानीय और इस सड़क से गुजरने वाले वाहन चालक और यात्री सड़क हादसों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि सड़क निर्माण में लगे अधिकारी और कर्मचारी सड़कों में बने गड्ढे को सिर्फ खानापूर्ति के लिए भर देते हैं, जो एक महीना भी ठीक से नहीं चलता है.
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खानापूर्ति कर रहे अधिकारी
लोगों के आरोप पर एएसपी ट्रैफिक आरके मिंज बताते हैं कि प्रशासन सड़क हादसों को रोकने लिए हर तरह से कोशिश कर रहा है. शहर की सड़कों की मरम्मत समय-समय पर कराया जा रहा है. इसके अलावा गुणवत्ताविहीन सड़कों को लेकर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. सड़क हादसों को लेकर सरकार वाहन चालकों को और वाहन चालक खराब सड़क को जिम्मेदार बताते रहते हैं. इसके अलावा समाजसेवी शराब और कुछ चालकों की लापवाही को भी हादसों के लिए जिम्मेदार मानते हैं, लेकिन इस आरोप-प्रत्यारोप में न तो सरकार सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान देती है, न कुछ वाहन चालक लापरवाही को छोड़ते हैं, लिहाजा हर हाल में भुगतना आम जनता को पड़ता है.