रायगढ़:छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए, लेमरू एलिफेंट रिजर्व बनाने का ऐलान किया गया है, ताकि हाथियों को एक जगह संरक्षित कर इंसान और हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष को रोका जा सके.
लेमरु हाथी रिजर्व के लए आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे ग्रामीण धरमजयगढ़ वनमंडल के तहत ग्राम पोरिया, बोरो, क्रिन्धा, और नेवार को लेमरू हाथी कॉरिडोर में शामिल किया गया है. जिसके लिए वन विभाग की ओर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग गई है, लेकिन गांववाले इसका विरोध कर रहे हैं.
तहसील कार्यालय पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण
बता दें कि सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण दावा आपत्ति दर्ज कराने धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय पहुंचे थे. यहां लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए ग्रामीणों ने कहा कि 'हमारे पास इसके अलावा और कोई जमीन नहीं है. अगर इसे जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए ले लिया जाएगा, तो हमें जीवन यापन करने में भारी संकट का सामना करना पडेगा'.
128 परिवार होंगे प्राभावित
गौरतलब है कि तहसील कार्यालय से 25 सितंबर को जारी इश्तेहार में उल्लेख था कि प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण के लिए धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू, बोरो वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वन भूमि एवं राजस्व भूमि प्रस्तावित की गई थी. परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पोरिया गांव के 128 परिवार के कुल 648 लोग इससे प्रभावित होंगे.
रोजी-रोजी के लिए खड़ी होगी समस्या
गांववालों का कहना है, 'अगर हाथी कॉरिडोर का निर्माण होता है तो यह हमारे लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी. सरकार इस पर क्या मुआवजा देगी ये भी साफ नहीं है'. ग्रामीणों का यह भी कहना कि 'हम इस स्थान पर खेती करते हैं और इससे हमें अधिक मुनाफा मिलता है. इस लिए हम इसे नहीं गांवना चाहते हैं. इसी के लिए आपत्ति दर्ज कराने के लिए तहसीलदार के पास आए हैं, ताकि प्रशासन हमारी आपत्ति पर विचार करते हुए पोरिया, क्रिन्धा, बोरो, एवं नेवार को हाथी रिजर्व एरिया से बाहर करें'.