रायगढ़: रायगढ़ को कला और संस्कृति की नगरी के रूप में जाना जाता है. साहित्य और कला को हमेशा से यहां सरंक्षण, प्रोत्साहन और सम्मान मिलता आया है. इसी कड़ी में विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार पूनम तिवारी को रायगढ़ इप्टा ने सम्मानित किया.
पूनम तिवारी को शरद चंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान से नवाजा गया है. पूनम तिवारी ने कहा कि 'रायगढ़ ने जितना सम्मान उन्हें दिया है वे उसे कभी नहीं भूल पाएंगी. रायगढ़ हमेशा से ही कला और संस्कृति प्रेमियों को प्रोत्साहित करती रहा है'.
बता दें कि पूनम तिवारी ने अपना जीवन छत्तीसगढ़ लोक कला और संस्कृति को समर्पित कर दिया है. उसी राह पर उनके बेटे सूरज तिवारी भी निकले थे. लेकिन दिल की बीमारी की वजह से उन्हें कच्ची उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहना पड़ा.
बेटे के जाने के गम और उसकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए पूनम तिवारी ने बेटे को छत्तीसगढ़ी लोकगीत "चोला माटी के राम एकर का भरोसा, चोला माटी के राम" गाकर अंतिम विदाई दी थी.
पूनम ने ETV भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि 'उनके परिवार में सभी कला के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और बचपन से ही नाटक और थिएटर आर्ट में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है'.