महज दो दमकल गाड़ियों से भरोसे है रायगढ़, धरमजयगढ़ और लैलूंगा की सुरक्षा, दमकल अधिकारी ने बताया पर्याप्त
रायगढ़ में आग लगने की सूरत में दमकल विभाग कैसे करता है काम. कैसी है विभाग की व्यवस्था. इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने दमकल विभाग के अधिकारी से बात की.
रायगढ़: शहर और इसके आस-पास के इलाकों में आगजनी की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसी हालत में उनपर काबू पाने के लिए निगम के फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लगातार मुस्तैद रहें और कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए प्रशासन की क्या तैयारी है, इसको लेकर जब हमने निगम के दमकल विभाग के अधिकारी से बात की.
तीन में से एक दमकल वाहन है खराब
दमकल अधिकारी धनुराम यादव ने बताया कि 'रायगढ़ नगर निगम के पास पर्याप्त दमकल की गाड़ियां हैं. लेकिन जब हमने रायगढ़ के अलावा दूसरी नगर पालिका की व्यवस्था के बारे में पूछा तब पता चला कि जिले में फायर सेफ्टी की जिम्मेदारी के लिए तीन गाड़ियां हैं, जिसमें से एक खराब है.
धरमजयगढ़ और लैलूंगा में नहीं है दमकल वाहन
बता दें कि रायगढ़ नगर निगम से लगने वाली धरमजयगढ़ और लैलूंगा में नगर पालिका में दमकल की गाड़ी की व्यवस्था नहीं है, जबकि सारंगगढ़ और खरसिया में एक-एक गाड़ी की मौजूद है, जिसकी वजह से आगजनी की सूरत में नगर पालिका को निजी दमकल कंपनियों की सहायता लेनी पड़ती है.
पानी से नहीं बुझती हर तरह की आग
उन्होंने बताया कि 'आग को बुझाने के दौरान कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता. दमकल अधिकारी ने बताया कि 'साथ ही आग बुझाने का तरीका बताते हुए बोला कि, 'हर तरह की आग को पानी से नहीं बुझाया जाता.
कार्बन डाईऑक्साइड से बुझाई जाती है आग
जो ज्वलनशील पदार्थ होते हैं, उनको कार्बन डाइऑक्साइड से बुझाया जाता है'. दमकल अधिकारी ने बताया कि 'जो आग लकड़ी या सुखे पदार्थ में लगी होती है उसे पानी से बुझाया जाता है और जो आग बिजली की तार में लगी रहती है उसपर कार्बन डाई ऑक्साइड के जरिए काबू पाया जाता है.
हमारे पास है पर्याप्त कर्मचारी
दमकल अधिकारी का कहना है कि 'अभी पर्याप्त वाहन और कर्मचारी है जिससे किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटा जा सकता है'.