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SPECIAL: नारायणपुर के इस वर्चुअल क्लास में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे बना रहे राखियां

नारायपुर के ग्राम पंचायत बोरंड में नेट कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से यहां बच्चों की वर्चुअल क्लास लगाई जा रही है. इसके साथ-साथ बच्चों को राखी बनाना भी सिखाया जा रहा है. यहां टीचर देंवेंद्र देवांगन अपने दो बच्चों के साथ बोरंड के बच्चों को पढ़ाते भी हैं और रंग-बिरंगी राखियां बनाना भी सीखा रहे हैं.

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बोरंड ग्राम पंचायत में बच्चे बना रहे राखियां

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Published : Jul 30, 2020, 7:58 PM IST

नारायणपुर:आज पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में है. हर क्षेत्र पर इसका असर पड़ा है. इस बीच स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर इसका असर न पड़े इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए 'पढ़ई तुंहर द्वार' कार्यक्रम की शुरुआत की. जिसके तहत बच्चों के इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन प्रदेश के वनांचलों में नेट कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से यहां रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, या यूं कहें कि इनकी शिक्षा पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर में नेटवर्क नहीं होने की वजह से छोटे-छोटे समूहों में बच्चों की वर्चुअल क्लास लगाई जा रही है, साथ ही यहां राखियां बनाना भी सिखाया जा रहा है.

बोरंड ग्राम पंचायत में बच्चे बना रहे राखियां

नारायणपुर जिला मुख्याल्य से 17 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बोरंड में वर्चुअल क्लासेस के तहत पढ़ाई कराई जा रही है. यहां खास बात ये है कि इन दिनों यहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ राखियां बनाने की कला भी सिखाई जा रही है. रक्षाबंधन का त्योहार आने को है और प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संकट को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. इस दौरान बोरंड ग्राम पंचायत में रहने वाले बच्चे राखियां लेने बाहर नहीं जा सकते. बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर ने इस परेशानी को देखते हुए पहल की और क्लास में ही बच्चों को राखी बनाना सीखा रहे हैं.

टीचर के दो बच्चे भी बोरांड गांव के बच्चों को पढ़ाने में करते हैं मदद

पढ़ाई के साथ-साथ राखी बनाना सीख रहे बच्चे

देवेंद्र देवांगन ज्ञान ज्योति प्राथमिक शाला कोडोली के शिक्षक हैं. ग्राम पंचायत बोरंड में यह बच्चों को पढ़ाई कराने के बाद रोजाना एक घंटा राखी बनाना सिखाते हैं. इसके लिए शिक्षक देवेंद्र ने अपने दो बच्चों की मदद भी ली है. उनके दोनों बच्चे केंद्रीय विद्यालय नारायणपुर में पढ़ाई करते हैं. लोकेश कुमार देवांगन और अनुष्का देवांगन दोनों भाई-बहन मिलकर बच्चों को राखी बनाना सीखा रहे हैं. इससे बच्चे भी खुश हैं.

पढ़ाई के साथ-साथ सीख रहे राखी बनाने के गुर

टीचर देवेंद्र देवांगन ने बताया कि शासन-प्रशासन की जारी गाइडलाइन के मुताबिक ही बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहन कर सभी सावधानियां बरती जा रही हैं.

पढ़ें- SPECIAL: नेटवर्क नहीं पहुंचा तो पहुंच गए शिक्षक, ऑफलाइन ज्ञान और बच्चों का पूरा ध्यान

इस सराहनीय कार्य को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी गिरधर मरकाम, राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा मिशन नारायणपुर के जिला परियोजना समन्वयक बीएस रेड्डी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी डॉ. खेमेश्वर पानीग्राही ने भी इस पहल की सराहना की है.

बच्चे बना रहे राखियां

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वर्तमान में जिला स्तर पर चल रहे 'पढ़ई तुंहर द्वार' कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला सहायक कार्यक्रम समन्वयक उमेश रावत के मार्गदर्शन में नारायणपुर में आने वाले क्षेत्रों मे जहां नेटवर्क कनेक्टिविटी का अभाव है, ऐसी जगहों पर भी माइक और लॉउडस्पीकर के माध्यम रेगुलर पढ़ाई कराने की कोशिश की जा रही है.

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