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ठेकेदार पर डील में वादाखिलाफी का आरोप लगा आमदई खदान एरिया में नक्सलियों ने फेंका पर्चा - chhattisgarh news

तीन जुलाई को नक्सलियों ने निक्को जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान पर हमला कर भिलाई निवासी प्रदीप शील की हत्या कर दी थी. प्रदीप यहां सुपरवाइजर थे. बुधवार सुबह बड़ी मात्रा में नक्सली पर्चा यहां फेंका पाया गया.

Naxalites threw papers in Amdai mine area
आमदई खदान एरिया में नक्सलियों ने फेंका पर्चा

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Published : Aug 25, 2021, 7:36 PM IST

नारायणपुर : जिला मुख्यालय से 49 किमी दूर छोटेडोंगर थाना क्षेत्र अंतर्गत आमदई खदान एरिया में बुधवार सुबह बड़ी मात्रा में नक्सली पर्चा फेंका पाया गया. पर्चे में नक्सलियों ने सुपारी किलिंग की बात स्वीकारते हुए खदान के एक ठेकेदार पर डील के हिसाब से वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस पर्चे की लिखावट को देखने के बाद पत्र को नक्सली पर्चा मानने से इनकार करते हुए जांच की बात कह रही है. जानकारी अनुसार संबंधित ठेकेदार ने पर्चे में लिखी बातों को बेबुनियाद बताया है.

नक्सलियों ने कर दी थी खदान के सुपरवाइजर की हत्या

गौरतलब है कि तीन जुलाई को नक्सलियों ने निक्को जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान पर हमला कर भिलाई निवासी प्रदीप शील की हत्या कर दी थी. प्रदीप यहां सुपरवाइजर थे. घटना के दौरान नक्सलियों द्वारा की गई आगजनी में करीब सवा चार करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. आमदई खदान में लाल आतंक की दहशत दिखाने दुधमुंहे बच्चों के साथ महिला नक्सली भी साड़ी पहनकर पहुंची थी. हाथों में मौत के सामान और कांधे में कपड़े से बांधकर बच्चों को लेकर पहुंची महिला नक्सली बेखौफ होकर एक-एक कर लाखों के वाहनों को आग के हवाले करती रही.

पूरी तैयारी के साथ आए थे नक्सली

घटना के दौरान मौके पर मौजूद श्रमिकों की मानें तो घटना को अंजाम देने आए नक्सली पूरी तैयारी के साथ आए थे. फोर्स की हर गतिविधियों पर नजर रखते हुए नक्सलियों द्वारा आपस में बातचीत की जा रही थी. कुछ नक्सलियों ने कैम्प में फायरिंग कर जवानों को अंदर ही रोक दिया था. पहाड़ियों पर खनन कार्य में लगे वाहनों को जलाने के बाद नक्सलियों ने श्रमिकों को एक जगह इकट्ठा कर लिया था. वहां श्रमिकों की वीडियोग्राफी और फोटो कैमरे में कैद करने के बाद श्रमिकों को खदान में दोबारा कार्य नहीं करने की चेतावनी दी गई थी.

बूढ़े बाप के बुढ़ापे की लाठी छिनी

बिस्तर पे लेटे बीमार पिता के बूढ़ापे का छिना सहारा
वहीं मृत सुपरवाइजर प्रदीप के पिछले चार साल से बिस्तर पर लेटे 87 वर्षीय पिता दिनेश शील कई दिनों से खामोश हैं. उनकी आंखें पथरा गईं हैं. इकलौते बेटे प्रदीप की मौत के बाद उनके बूढ़ापे की लाठी छिन गई है. प्रदीप की पत्नी डॉली गुमसुम रहती है. डॉली की 14 साल की बेटी पलक व 11 साल की बेटी पिहू किसी तरह अपनी मां को संभाल रही हैं. प्रदीप परिवार का इकलौता कमाने वाला था. नक्सलियों ने सिर्फ प्रदीप को ही नहीं मारा है, बल्कि पूरे परिवार की उम्मीदों की हत्या कर दी है.


टेकरी से बाइक पर रख नीचे लाया गया था शव

वारदात के बाद फोर्स के आमदई खदान पहुंचने के बाद सुपरवाइजर प्रदीप के शव को कब्जे में लिया गया था. जिस जगह घटना हुई है, वहां तक सड़क नहीं होने से प्रदीप के पार्थिव शरीर को झिल्ली में लपेटकर बाइक से टेकरी से नीचे लाया गया था. इसके बाद चारपहिया वाहन में रखकर जिला अस्पताल भेजा गया था. पोस्टमार्टम के बाद भिलाई में अंतिम संस्कार किया गया.

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