नारायणपुर: जिले के अबूझमाड़ इलाके में इन दिनों वनोपज अधिक मात्रा में आने लगे हैं. इस वजह से अबूझमाड़ के जनजाति अब जंगल से निकलकर शहरी क्षेत्र तक आसानी से आ रहे हैं. अबूझमाड़ के जंगलों का वनोपज यहां के लोगों के लिए आय का मुख्य साधन है.
अबूझमाड़ में मिलने वाले वनोपज में सबसे ज्यादा फूल झाड़ू होता है. इन्हें घने जंगल के बीच में से काटकर शहरों तक लाया जाता है. झाड़ू कटिंग करने की प्रक्रिया बहुत ही मेहनत और मुश्किल भरी होती है. झाड़ू कटिंग में बहुत खतरा भी होता है. कटिंग के दौरान कई बार अबूझमाड़ के मडिया जनजाति के लोगों को जंगली जानवरों से सामना होता है. जंगली जानवरों से अचानक आमना-सामना होने पर वे घायल हो जाते हैं. कई बार तो लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं.
जानवर घास में छुपे रहते हैं
फूल झाड़ू एक प्रकार का घास होता है. बड़े होने के कारण जानवर इन घास में छुपे रहते हैं और लोगों पर हमला कर देते हैं. भारी मेहनत भरा काम होने के बाद भी फूल झाड़ू के उचित दाम इन लोगों को नहीं मिल पाता, जिसके कारण ये झाड़ू उन्हें बिचौलियों को बेचना पड़ता है.