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नारायणपुर में कलेक्टर और एसपी के समक्ष 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर - before collector and sp in naryanpur

नारायणपुर में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत नक्सलियों की लगातार घर वापसी कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को पांच नक्सलियों ने जिला कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू और एसपी मोहित गर्ग के समक्ष सरेंडर किया.

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नारायणपुर में कलेक्टर और एसपी के समक्ष 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर

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Published : Jun 5, 2021, 7:42 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 9:09 PM IST

नारायणपुर:जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. शनिवार को जिला कलेक्टर और एसपी के समक्ष पांच नक्सलियों ने सरेंडर (five naxalites surrendered) किया है. सभी आत्मसमर्पित नक्सली बस्तर डिवीजन में 2016 से 2018 के बीच भर्ती हुए थे. उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई थी. तब से लेकर अब तक उनके डर और दबाव में काम कर रहे थे. नक्सलियों की खोखली नीति से तंग आकर उन्होंने सरेंडर किया.

नारायणपुर में कलेक्टर और एसपी के समक्ष 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर

पांच नक्सलियों ने किया सरेंडर

नारायणपुर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के कारण गांव में रहकर प्रतिबंधित नक्सल संगठन में शामिल मिलिशिया सदस्यों पर दबाव बढ़ रहा है. और वे शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सल संगठन का साथ छोड़ समाज के मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को पांच नक्सलियों ने जिला कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू और एसपी मोहित गर्ग के समक्ष सरेंडर किया. प्रशासन ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को 10-10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की.सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे कृषि शाखा, स्कूल शाखा, न्याय शाखा और मिलिशिया सदस्य के रूप में काम कर रहे थे. नक्सलियों की गलत नीतियों से असंतुष्ट होकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के उद्देश्य से उन्होंने आत्मसर्पण किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में महाराजी कश्यप, जगदीश नाग, जगनाथ नाग, चैतराम कोर्राम और लच्छीन नाग शामिल है.

नक्सलियों को दी गई प्रोत्साहन राशि

2016 में नक्सल संगठन में हुए थे भर्ती

जिला एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली कोंडागांव जिले के बेचा गांव के निवासी हैं. पूर्व में वे गांव में ही खेती-किसानी का काम करते थे. बस्तर डिवीजन सचिव ने वर्ष 2016 से 2018 के बीच उन्हें संगठन में भर्ती किया गया था. उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई थी. तब से लेकर अब तक उनके डर और दबाव में काम कर रहे थे. गांव के समीप कड़ेमेटा में कैंप स्थापित होन से लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है.

नक्सलियों को दी गई प्रोत्साहन राशि

सरेंडर करने वाले नक्सलियों का खुलासा, 'कोरोना वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं नक्सली'

प्रशासन ने खेती के लिए किया प्रोत्साहित

कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने इन सभी को खेती-किसानी करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें शासन की योजनाओ का लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि यदि वे खेती के लिए इच्छुक होंगे तो उन्हें खाद, बीज आदि की व्यवस्था प्रशासन कराएगा. उन्होंने कोंडागांव कलेक्टर को इन सभी को शासन की योजनाओं का लाभ देने और रोजगार से जोड़ने हेतु पत्र लिखे जाने की बात कही.

नारायणपुर में कलेक्टर और एसपी के समक्ष 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर

सामाज की मुख्यधारा में लौटे आत्मसमर्पित नक्सली

आत्मसमर्पण नक्सली संगठन में कार्य करने के दौरान नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना, गांव में अनजान व्यक्तियों के आने पर उनसे पूछताछ और उनकी निगरानी करने का काम करते थे. इसके अलावा नक्सली साहित्य बांटना, पोस्टर पंपलेट चिपकाना और ग्रामीणों को नक्सली मीटिंग में उपस्थित होने की सूचना देना भी काम था. बाजारों में दैनिक उपयोग की सामग्री खरीद कर नक्सलियों तक पहुंचाना. नक्सलियों के गांव में आने पर उनको सुरक्षा देना. क्षेत्र में पुलिस थाने की सूचना देना पुलिस पार्टी को रेकी करना. नक्सलियों की अस्थाई कैंपों में संतरी ड्यूटी करना और गांव के चारों और दिन के समय पेट्रोलिंग करते जैसे कार्य के संगठन में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं.नक्सलियों की गलत नीतियों से असंतुष्ट होकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के उद्देश्य से कलेक्टर नारायणपुर धर्मेश कुमार साहू और पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण किया.

Last Updated : Jun 5, 2021, 9:09 PM IST

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