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मुंगेली: BRGF की राशि को लेकर सांसद अरुण साव ने पत्र लिखकर मांगी जानकारी

सांसद अरुण साव ने BRGF की राशि को लेकर बिलासपुर और मुंगेली जनपद पंचायतों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है. सांसद ने पूछा है कि योजना बंद होने की स्थिति में उक्त मद की बची हुई राशि केंद्र सरकार को लौटाई गई या नहीं ?

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सांसद अरुण साव ने जिला पंचायतों से मांगी जानकारी

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Published : Jun 8, 2020, 12:49 PM IST

मुंगेली: बिलासपुर सांसद अरुण साव ने मुंगेली और बिलासपुर जनपद पंचायतों को पत्र लिखकर BRGF योजना के तहत केंद्र सरकार से दी गयी राशि के सम्बंध में जानकारी मांगी है.

सांसद अरुण साव ने जिला पंचायतों से मांगी जानकारी

बिलासपुर सासंद अरुण साव ने जिला पंचायत से मांगी जानकारी

दरअसल बिलासपुर जिले के बिल्हा जनपद में BRGF योजना की बचत राशि का गड़बड़झाला सामने आने के बाद बिलासपुर सासंद अरुण साव ने योजना की बचत राशि के बारे में दो जिलों से जानकारी मांगी है. सांसद ने बिलासपुर और मुंगेली जिला पंचायतों के CEO को पत्र लिखकर पूछा कि योजना बंद होने के बाद शेष राशि केंद्र सरकार को वापस लौटाया गया है या नहीं.

30 लाख रुपए की राशि की गड़बड़ी

गौरतलब है कि बिलासपुर जिले के बिल्हा जनपद पंचायत में BRGF योजना की करीब 30 लाख रुपए की राशि की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जिसका जिला पंचायत जांच भी कर रही है. BRGF की बचत राशि की गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद बिलासपुर सासंद अरुण साव ने बिलासपुर और मुंगेली जिला पंचायत के CEO को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने प्रदेशभर में 'बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड' यानि की BRGF योजना को वित्तीय वर्ष 2014-15 में बंद कर दिया था, जिसके बाद इस योजना की बचत राशि भारत सरकार को वापस लौटाने के निर्देश दिए गये थे.

सांसद ने मांगी ये जानकारी

इस मामले पर सांसद ने पूछा है कि दोनों जिलों के किन-किन जनपद पंचायतों में योजना बंद होने की स्थिति में उक्त मद की कितनी राशि शेष बची थी और क्या बची हुई राशि समय रहते केंद्र सरकार को वापस लौटा दी गई है, यदि राशि आजतक नहीं लौटाई गई है तो इसका कारण भी सांसद ने पत्र के जरिए पूछा है.


क्या है BRGF योजना
पिछड़े क्षेत्रों की पंचायतों में करवाए जा रहे विकास कार्यों के अधूरा रह जाने अथवा जल्द धन की उपलब्धता न होने पर योजना का अग्रिम एस्टीमेट बनाकर BRGF योजना के तहत अनुदान उपलब्ध करवाने के लिए प्रस्ताव पारित किए जा सकते है. इसके बाद ग्राम सभा की तरफ से अंतिम मुहर लगने के बाद राशि उपलब्ध हो जाती है. इस योजना के तहत वे सभी कार्य करवाए जा सकते हैं, जिन्हें मनरेगा के कड़े नियम करवाने की इजाजत नहीं देते.

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