Lormi Assembly Seat Profile: लोरमी में धर्मजीत सिंह का काट नहीं खोज पाई कोई भी पार्टी, क्या इस बार भी रिकार्ड रहेगा कायम !
Lormi Assembly Seat Profile छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ईटीवी भारत छत्तीसगढ़ के विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं मुंगेली के लोरमी विधानसभा सीट पर. यह सीट में आदिवासी और सामान्य वर्ग का दबदबा है. Chhattisgarh Election 2023
मुंगेली: जिले की लोरमी विधानसभा सीट से कई कद्दावर विधायक चुनकर आये हैं. पहले इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. लेकिन समय समय पर कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के प्रत्याशी इस सीट से विधायक चुने गए. धर्मजीत सिंह नें 4 बार विधायक का चुनाव जीतकर इस सीट पर नया कीर्तिमान बनाया. वर्तमान में लोरमी विधानसभा सीट से धरमजीत सिंह ही विधायक है. धऱमजीत सिंह हालांकि 2018 के चुनाव में जेसीसीजे से चुनकर आये थे, लेकिन पार्टी से निष्कासन के बाद कुछ ही दिन पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है.
लोरमी विधानसभा के मतदाताओं की संख्या:लोरमी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 194511 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं कती संख्या 99747 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 94761 है. वहीं इस सीट पर 3 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं.
लोरमी विधानसभा के मतदाताओं की संख्या
लोरमी विधानसभा सीट का जातीय समीकरण:लोरमी विधानसभा के जातिगत समीकरण पर नजर डालें, तो इस सीट में आदिवासी और सामान्य वर्ग का दबदबा है. लोरमी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा वोटर एससी वर्ग के हैं. जिनकी संख्या 52 से 54 हजार के बीच है. वहीं साहू समाज के लगभग 32 से 34 हजार वोटर हैं. इसके अलावा लगभग 18 हजार आदिवासी भी निवास करते हैं. सामान्य वर्ग के लगभग 42 से 45 हजार वोटर है, वहीं बाकी अन्य वर्ग के हैं.
लोरमी विधानसभा सीट को जानिए:लोरमी विधानसभा सीट में पहली बार चुनाव हुआ 1957 में हुआ. छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से अब तक 4 चुनाव हुए हैं. जिनमें से सिर्फ एक बार भाजपा को इस सीट पर जीत मिली, बाकि सभी चुनाव में धर्मजीत सिंह ने जीत दर्ज की. चाहे वो जिस भी पार्टी से चुनाव लड़े हो. कांग्रेस उम्मीद्वार धर्मजीत सिंह 1998 में धर्मजीत सिंह पहली बार इस सीट से भाजपा के मुनीराम साहू को हराकर विधायक बनें. इसके बाद 2003 में धर्मजीत सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के मुनीराम साहू के हरा दिया. 2008 में कांग्रेस से फिर एक बार सीटिंग एमएलए धर्मजीत सिंह ने भाजपा के जवाहर साहू को हराकर तीसरी बाद विधायक चुने गए. लेकिन 2013 में धर्मजीत सिंह को भाजपा के तोखन साहू से हार मिली. 3 बार के विधायक रहे धर्मजीत सिंह ने 2016 में जेसीसीजे में शामिल हो गये. धर्मजीत सिंह ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जेसीसीजे पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा और भाजपा के तोखन साहू को हराकर चौथी बार विधायक चुने गए.
लोरमी विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं:लोरमी विधानसभा प्राकृतिक की गोद में बसा है. यह क्षेत्र पर्यटन के नजरिए से समृद्ध है. लेकिन पर्यटन को लेकर क्षेत्र में आज तक कोई काम नहीं हो पाया है. यहां प्रदेश का सबसे पहला टाईगर रिजर्व मौजूद है, जिसे अचानकमार टाईगर रिजर्व कहा जाता है. इसके वनांचल में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले बैगा आदिवासी बड़ी संख्या में निवास करते हैं, जो विकास की मुख्यधारा से आज भी कोसो दूर हैं. अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बसे 25 गांवों को विस्थापन के लिए चुना गया था. जिसमे से 6 गांवों का विस्थापन 2010 में कर दिया गया. लेकिन 19 गांवों के सैकड़ों लोग 13 साल बाद भी विस्थापन की राह तांक रहे हैं. विस्थापन नहीं होने से इन्हे शासकीय योजानाओं का लाभ नहीं मिल रहा. उद्योग धंधा नहीं होने से क्षेत्र में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है. वहीं क्षेत्र की खराब सड़कें, पानी और बिजली की समस्या बरसों से जस की तस बनी हुई है. जिले का राजीव गांधी जलाशय भी इसी क्षेत्र में है. इसके बावजूद इलाका कई बार सूखे की मार झेल चुका है.
लोरमी विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं
2018 चुनाव में लोरमी सीट के नतीजे: विधानसभा चुनाव 2018 में धर्मजीत सिंह ने जेसीसीजे की ओर से चुनाव लड़ा. धर्मजीत सिंह ने भाजपा के तोखन साहू को 2600 वोटों के अंतर से हरा दिया. इस चुनाव में जेसीसीजे से धर्मजीत सिंह को 67742 वोट मिले. वहीं भाजपा प्रत्यशी तोखन राम साहू को 42189 वोट मिले थे. वहीं तीसरे स्थान पर कांग्रेस के शत्रुघ्न लाल चंद्राकर को 16669 वोट ही मिला था.