"भूतों ने बनाया मंदिर", मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के रहस्यमयी शिव मंदिर की कहानी - भूतों का बनाया शिव मंदिर
Ghosts Built Temple In One Night भूत प्रेत के होने या ना होने को लेकर कई तरह के तर्क हैं. कोई इन्हें मानता है तो किसी को इन पर जरा भी विश्वास नहीं है.लेकिन हमारे आसपास कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखने के बाद अपनी आंखों पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, ऐसा मानना है कि उसे भूतों ने बनाया है.आप सोच रहे होंगे ऐसी कौन सी जगह है.लेकिन इस जगह को लेकर जो जनश्रुतियां हैं वो किसी को भी अंचभित कर सकती हैं. हालांकि यह यहां के लोगों की मान्यता और कहना है. ईटीवी भारत इस मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. Manendragarh Chirmiri Bharatpur
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :छत्तीसगढ़ के भरतपुर में एक ऐसी जगह है जिसे भूतों ने बनाया है.ये हम नहीं बल्कि इस जगह में रहने वाले लोगों का कहना है.ये जगह है भरतपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत घघरा का प्राचीन शिव मंदिर. कहा जाता है कि भूतों ने एक रात में शिव मंदिर को बनाया.
क्या है घघरा शिवमंदिर की कहानी ?: इस मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी का कहना है "भगवान भोलेनाथ ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिन्हें भूत पिशाच भी अपना आराध्य मानते हैं.जिनमें जीवन हैं और जो निर्जीव होकर किसी और रूप में विद्यमान हैं वो भी शिव की साधना करते हैं.शिव के कई गण हैं जो भोलेनाथ की साधना में लीन रहते हैं. जिस शिव मंदिर का निर्माण घघरा ग्राम पंचायत में हुआ उसे भूतों ने ही एक रात में बनाया."
''एक रात में महादेव के गण भूतों ने मंदिर स्थापित किया. बिना सीमेंट, बिना मसाला के यह मंदिर स्थापित किया गया है. मंदिर में एक के ऊपर एक पत्थर लगे हुए हैं. मंदिर के अंदर एक छोटे से पत्थर को रखा गया है.उसे छोटे से पत्थर ने हीं पूरे मंदिर को संभाला है.सैंकड़ों वर्षों से ये मंदिर अपनी मूल स्थिति में है.इसलिए इस मंदिर को अनोखे स्वरूप के कारण भूतनाथ मंदिर कहा जाता है.'' रामचंद्र शरण,पुजारी, भूतनाथ मंदिर
कैसा हैं मंदिर का स्वरूप ? :करीब 50 फीट ऊंचे इस मंदिर के निर्माण में बड़े-बड़े पत्थरों को एक के ऊपर एक रखकर बनाया गया है.यहीं नहीं मंदिर के हर पत्थर में कई कलाकृतियां और भगवान की प्रतिमाएं बनी हैं. मंदिर के अंदर शिवलिंग स्थापित है. भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण वनवास के दौरान इसी रास्ते से गुजरे थे. साल 1858 में भूकंप की वजह से मंदिर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.मंदिर के आस-पास कई बड़े पत्थरों में गणेश और चक्र समेत कई तरह की धार्मिक कलाकृतियां उकेरी गई हैं.जो जीर्णशीर्ण अवस्था में बिखरी हैं.जिसे लेकर ग्रामीण प्रशासन से काफी नाराज हैं.
धरोहर के रूप में सहेजने की मांग :गांव के सरपंच ने इस मंदिर के बारे में बताया कि ये मंदिर बहुत पुराना है. पुराने जमाने से बना हुआ है. आज तक कोई भी इस मंदिर का रहस्य नहीं जान पाया कि मंदिर को किसने बनाया. ऐसा प्रतीत होता है कि इस मंदिर को भगवान श्री विश्वकर्मा जी ने बनाया है. हम शासन से मांग करते हैं कि मंदिर को एक धरोहर के रूप में रखा जाए.
भगवान राम से जुड़ी है जनश्रुति :वहीं इस मंदिर को लेकर दूसरी धारणा भी है. बताया जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान श्रीराम का जब छत्तीसगढ़ में प्रवेश हुआ तो उन्होंने घघरा में शिवलिंग बनाकर उसे स्थापित किया.ये प्राचीन शिव मंदिर राम वन गमन पथ सीतामढ़ी हरचौका से 40 किलोमीटर दूर है. गांववालों की मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 1 रात और 2 दिन रुके थे. राम ने यहां पर तीन शिवलिंग की स्थापना की थी.जो आज भी विद्यमान है.
Disclaimer: ETV भारत इस तरह की मान्यताओं में विश्वास नहीं करता. यह कहना यहां के लोगों का है. इस इलाके के धर्म के जानकार इस तरह की बातें करते हैं.