महासमुंद: मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर खल्लारी के कर्मापटपर गांव में बना है यमराज का मंदिर. इस मंदिर का निर्माण 2 साल पहले ही किया गया है. मंदिर निर्माण के पीछे का राज भी चौंकाने वाला है. तेंदू कोना निवासी नंदकुमार सोनी साल 2011 में बाइक से कहीं जा रहे थे मोड़ पर पहुंचते ही उनका एक्सीडेंट हो गया. एक्सीडेंट में सोनी का पैर दो टुकड़ों मैं बंट गया और इलाके में उसके मौत की खबर फैल गई. पर सोनी को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और वह बच गए.
यहां है छत्तीसगढ़ का इकलौता और भारत का आठवां यमराज मंदिर
आपने कई देवी-देवताओं के मंदिर देखे होंगे, लेकिन आज राज्य के स्थापना दिवस पर हम आपको छत्तीसगढ़ के उस अनोखे मंदिर में लिए चलते हैं जहां यमराज की पूजा होती है. जिस यम का नाम सुन लोग डरते हैं यहां उन्हें ही पूजा जाता है. ये छत्तीसगढ़ का इकलौता और देश का आठवां ऐसा मंदिर है.
इस घटना के बाद से नंदकुमार ने मंदिर बनाने का तय किया. 2017 में मंदिर बनवाकर वहां यम और यमुना की स्थापना की गई. तब से उस जघन्य दुर्घटना वाले स्थान पर दुर्घटना ना के बराबर होने लगी है. लोग आते जाते यमराज को प्रणाम करके वहां से आगे बढ़ते हैं. साथ ही यम द्वितीय के दिन बहने यमराज की पूजा अर्चना करके अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
भारत में यमराज के आठ मंदिर
गौरतलब है कि भारत में 8 यमराज के मंदिर हैं. इनमें से कुछ हैं, हिमराज मंदिर भरमौर-चंबा हिमाचल प्रदेश, धर्मराज मंदिर विश्राम घाट मथुरा उत्तर प्रदेश, श्री ऐमा धर्मराज मंदिर तंजावूर तमिलनाडु, काशी का धर्मराज मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश और यमराज यमुना मंदिर कर्मापटपर महासमुंद छत्तीसगढ़.