महासमुंद:शासन जहां शादियों में खर्च कम करने के लिए सामूहिक विवाह को बढ़ावा दे रहा है. वहीं समाज के ठेकेदार नियमों की आड़ में लोगों को परेशान कर रहे हैं.
इसलिए सुनाया कि उसने आर्थिक तंगी के कारण अपने ही समाज की युवती के साथ सामाजिक रीति-रिवाज के बजाय आर्य समाज के मंदिर में शादी कर ली थी. पीड़ित पक्ष अब न्याय की गुहार लगा रहा है. वहीं समाज के पदाधिकारी आरोपों को निराधार बताते हुए केवल भोजन कराने की बात कह रहे हैं.
भरण-पोषण के लिए मजदूरी करता है रमेश
जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर तुमगांव नगर पंचायत के वार्ड नंबर-13 के रहने वाले रमेश निर्मलकर जो धोबी समाज से हैं. उनका लड़का नागेश्वर निर्मलकर (21 साल) है और वो पेट्रोल पंप पर काम करता है. रमेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए अपने परिवार के भरण -पोषण के लिए मजदूरी करता है. आर्थिक तंगी के कारण उसने अपने लड़के नागेश्वर की शादी अपने ही समाज की युवती से 3 दिसंबर 2018 को रायपुर के आर्य समाज के मंदिर में की थी.
समाज को मंजूर नहीं थी शादी
समाज के ठेकेदारों ने शुरू में तो कुछ नहीं बोला और 7 माह के बाद 8 जून 2019 को समाज का चपरासी रमेश के घर आया और समाज की बैठक में बुलाने की जानकारी दी. रमेश अपने बेटे नागेश्वर को लेकर सामाजिक बैठक पहुंचा, जहां कथित समाज के ठेकेदारों ने नागेश्वर की शादी सामाजिक रीति रिवाज से नहीं करने और समाज को भोजन नहीं कराने पर 21 हजार का अर्थदंड सुनाया.