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SPECIAL: आशियाने के आस में 6 साल से प्रतीक्षालय में काट रहे दिन, अब तक नहीं मिला घर - पीएम आवास योजना में लेट लतीफी

महासमुंद के साईसराईपाली में जयंत निषाद का परिवार पिछले 6 साल से यात्री प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर हैं. कई आवेदनों और अर्जी के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ इस परिवार को नहीं मिला.

family living in waiting room for 6 years
आशियाने के आस में गरीब परिवार

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Published : Jul 28, 2020, 8:46 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 11:08 PM IST

महासमुंद: गरीब परिवारों के उत्थान के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई है. लेकिन अक्सर योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई देती है. आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहीन गरीब परिवारों के उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की कई योजनाएं है, लेकिन ऐसी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जिसकी बानगी महासमुंद जिले में देखने को मिल रही है. जिले का एक गरीब परिवार मकान टूट जाने के बाद पिछले 6 सालों से यात्री प्रतीक्षालय में रह रहा है. इस गरीब परिवार को आज तक मकान बनाने के लिए कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली. गरीब परिवार तमाम तरह की तकलीफों को सहते हुए यात्री प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर है.

आशियाने के आस में गरीब परिवार

महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम साईसराईपाली में जयंत निषाद का परिवार निवास करता है. परिवार की माली हालत ठीक नहीं हैं, भूमिहीन परिवार के पास रहने के लिए एकमात्र सहारा उनका कच्चा मकान था. जो करीब 6 साल पहले पहले बारिश के चलते गिर गया और रहने के लिए इनके पास कुछ भी नहीं रहा.

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ग्राम वासियों ने इस परिवार की मजबूरी को देखते हुए इन्हें ग्राम में बने यात्री प्रतीक्षालय में आश्रय दिया. जहां यह परिवार पिछले 6 साल से रह रहा है. परिवार ने यात्री प्रतिक्षालय को ही अपना घर बना लिया है. जयंत निषाद अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ यात्री प्रतीक्षालय में गुजर-बसर कर रहे हैं. इनके पास ना तो खुद का मकान है और ना ही मकान बनाने के लिए जमीन है. निषाद एक ही कमरे में पत्नी, मां और तीनों बच्चों के साथ रहते हैं. खुद की कोई कृषि भूमि नहीं होने के कारण किसी तरह रोजी मजदूरी कर यह परिवार अपना जीवन यापन कर रहा है.

अधिकारियों की लापरवाही

परिवार का कहना है कि मकान के लिए हर जगह आवेदन लगाए हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई. मामले में जनपद सीईओ का कहना है कि परिवार का नाम प्रधानमंत्री आवास के पहले की सर्वे सूची में हो सकता है. उसमे इनका नाम होगा तो इन्हें योजना का लाभ मिलेगा. सोचने वाली बात है कि 5 सालों में कई बार प्रधानमंत्री आवास की सूचियां बनी होगी. फिर भी इस परिवार का नाम अभी तक नहीं आया और आज भी अधिकारियों को यह कहना पड़ रहा है कि हमें लिस्ट देखनी पड़ेगी.

गरीब परिवार की किसी ने नहीं ली सुध

बता दें कि 5 साल से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विकासखंड में हजारों आवास बन चुके हैं. लेकिन आज तक किसी ने इस गरीब परिवार की आवाज नहीं सुनी. जो प्रधानमंत्री के 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने के सपने पर सवाल खड़ा कर रहा है.

Last Updated : Jul 28, 2020, 11:08 PM IST

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