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महासमुंद: 'किसानों की सरकार' में किसानों पर ही संकट, सूखने के कगार पर 300 एकड़ फसल - सूखे का संकट

महासमुंद में सिंचाई विभाग के अधिकारी 300 एकड़ धान की फसल के लिए भी पानी नहीं दे रहे हैं. जिससे खड़ी फसल पर सूखे का संकट मंडरा रहा है.

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Published : Apr 13, 2019, 10:21 AM IST

Updated : Apr 13, 2019, 7:46 PM IST

महासमुंद: जिले में सिंचाई विभाग की मनमानी के कारण करीब 300 एकड़ फसल सूखने की कगार पर है, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. किसानों का आरोप है कि, अधिकारियों ने पहले पानी देने की बात कही थी, लेकिन फसल लगाने के बाद पानी नहीं दे रहे. जिससे करीब 300 एकड़ खड़ी फसल पर सूखे का संकट मंडरा रहा है.

'किसानों की सरकार' में किसानों पर ही संकट

जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गढ़सिवनी के किसानों ने बताया कि, हर साल वे लोग 500 एकड़ में धान की फसल लगाते थे. इस साल धान की फसल रोपने से पहले उन्होंने जिले के सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की थी. जिसपर अधिकारियों ने उनसे कहा था कि, इस बार पानी की कमी है. इसलिए उन्होंने 300 एकड़ में ही धान की फसल लगाये हैं, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी 300 एकड़ धान की फसल के लिए भी पानी नहीं दे रहे हैं. जिससे खड़ी फसल पर सूखे का संकट मंडरा रहा है.

मामले में जब ईटीवी भारत की टीम ने जिम्मेदारों से बात करनी चाही, तो सिंचाई विभाग के एसडीओ ने पहले मिलने से मना कर दिया. इसके बाद दूसरी बार मिलने पर उन्होंने मामले में कुछ भी बोलने मना कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि, इस मामले में कुछ पूछना है तो विभाग के कोस्टा साहब बताएंगे. जब टीम सिंचाई विभाग के कोस्टा साहब के पास पहुंचे तो, उन्होंने मीटिंग और चुनाव का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से मना कर दिया. अधिकारियों की इस रवैये से किसान न सिर्फ परेशान हैं, उनसे सामने खाने तक का संकट आने वाला है.

Last Updated : Apr 13, 2019, 7:46 PM IST

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