महासमुंद: महानदी के किनारे बसे 64 गांव ऐसे हैं, जहां हमेशा बाढ़ की संभावना बनी रहती है. हालांकि प्रशासन हर साल इन गावों के लोगों को बाढ़ से बचाने की तैयारी करता है, लेकिन बाढ़ का पानी हर साल इनकी परेशानियों को बढ़ा देता है.
महासमुंद: बाढ़ की विभीषिका झेल रहे 64 गांवों में हालात बिगड़ने से पहले कैंप लगाने के निर्देश - छत्तीसगढ़
प्रशासन ने एक बार फिर सभी 64 गांवों को चिन्हांकित कर इन गांवों में राहत चिकित्सा शिविर की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. बाढ़ से पहले कलेक्टोरेट और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है.
इस साल प्रशासन ने एक बार फिर सभी 64 गांवों को चिन्हांकित कर इन गांवों में राहत चिकित्सा शिविर की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. बाढ़ से पहले कलेक्टोरेट और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है. चिन्हांकित गांवों में मितानिन के साथ दवाइयों की व्यवस्था की है. इसके अलावा हालात बिगड़ने पर बाढ़ राहत शिविर भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
बोटर बोट से किया गया मॉक ड्रिल
बीते दिनों अधिकारियों की मौजूदगी में अछोला गांव के पास महानदी में होमगार्ड के जवानों ने मॉक ड्रील किया. मॉक ड्रिल के दौरान जिला होमगार्ड के जवानों ने पानी में रेस्क्यू किया. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास तमाम आवश्यक सामग्री मौजूद है. अपर कलेक्टर ने कहा कि मॉक ड्रिल में बाढ़ आपदा के आने के बाद कैसे बचाव किया जाए उसका अभ्यास किया जाता है. उन्होंने बताया कि मॉक ड्रील से जवानों का मनोबल बढ़ता है.