महासमुंद:केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत हैं. किसान कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. इसी के तहत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने राष्ट्रीय किसान मोर्चा के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया. किसानों ने सांसद चुन्नीलाल साहू के सुविधा केंद्र का घेराव किया. किसान धमतरी जिले से आए हुए थे. किसानों ने महासमुंद बस स्टैंड से रैली की शुरुआत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसद चुन्नीलाल साहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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धमतरी के किसान सैकड़ों की संख्या में कृषि कानून के खिलाफ घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान किसानों ने अपने नारों के माध्यम से कानून को बेकार कानून बताया है. घेराव के दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री और सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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किसानों की मांग
- दमनकारी तीनों कृषि कानून को अतिशीघ्र वापस लिया जाए.
- न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी का अधिकार गारंटी कानून बनाया जाए.
- एमएसपी के नीचे खरीदी करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए.
- देश के प्रत्येक जिलों में कृषि कोर्ट कानून की स्थापना की जाए.
- स्वामीनाथन रिपोर्ट को अतिशीघ्र लागू किया जाए.
सांसद पर सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरने का आरोप: किसान
राष्ट्रीय किसान मोर्चा में शामिल हुए किसान धमतरी और बागबाहरा के थे. किसान सुविधा केंद्र पर सांसद से मिलने की बात कर रहे थे. किसानों ने सांसद के प्रतिनिधि से चर्चा ना करने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही सांसद और प्रशासन को अवगत कराकर आए हैं. सांसद अपनी जगह से नदारद हैं. उनके पास कृषि कानून को लेकर बात करने की कोई क्षमता नहीं है. वह सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरने में लगे हुए हैं.
किसानों ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार सौंपा ज्ञापन
सांसद के इंतजार में सैकड़ों की संख्या में किसान लंबे समय तक अड़े रहे. सांसद घंटों इंतजार करने के बाद भी नहीं पहुंचे. किसानों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने इस दौरान सांसद को खूब खरी खोटी सुनाई. कृषि कानून को किसानों के हित में नहीं होने की बात कही है.