महासमुंद : शिक्षा के इस मंदिर में अपना भविष्य गढ़ने के लिए आने वाले नौनिहाल हर वक्त डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. न जाने कब ये दरारें दीवार से टिकने का साहस छीन लें और बिल्डिंग की छत सीधे उन पर आ गिरे.
नहीं हो रही स्कूलों की मरम्मत
ऐसा नहीं है कि सिस्टम को नौनिहालों पर हो रहे इस सितम की जानकारी नहीं है. पता भी है और विभाग की ओर से रेनोवेशन के लिए रकम भी जारी कर दी गई है. बस अगर कुछ नहीं हुआ है तो स्कूल भवन के जख्मों पर मरम्मत का मरहम लगाने का काम.
गिरने की कगार पर स्कूल भवन
महासमुंद जिले में 1280 प्राथमिक, 491 मिडिल 184 हाईस्कूल और हाईस्कूल संचालित हैं. कुल 1955 सरकारी स्कूलों में एक लाख 65 हजार 526 छात्र-छात्राएं अज्ञानता के अंधेरे को चीरकर ज्ञान की रोशनी से रू-ब-रू होने आते हैं. इन्हीं स्कूलों में से 177 स्कूलों को मरम्मत की दरकार है, तो वहीं 71 प्राथमिक और मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जो या तो जर्जर हैं या उनका भवन गिर चुका है.