महासमुंद:कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ एम.गीता ने महासमुंद जिले के गौठानों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने महिला समूह और गौठान समिति के कामकाज की सराहना की. इसके अलावा उन्होंने गोधन न्याय के तहत किए जा रहे गोबर की सही देखरेख और गोबर से बनाए गए सामानों के लिए महिला समूह से चर्चा भी की.
एम गीता ने महासमुंद के कोना गांव और बागबाहरा विकासखंड के तिलईदादर गांव में स्थित गौठानों का निरीक्षण कर उनकी गतिविधियों की सराहना की. गीता ने गौठान में गोधन न्याय योजना के तहत गोपालकों को किए जाने वाले भुगतान संबंधित तैयारियों का जायजा भी लिया. राज्य शासन की ओर से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत गांवों में 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है.
ग्रामीणों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
गौठान समिति के सदस्य ने बताया कि कोना में 65 पशुपालक और 312 मवेशी हैं. जिसमें से रोजाना 8 से 10 पशुपालक यहां गोबर बेचने आते हैं. इसके साथ ही यहां गौठान समिति के सभी सदस्य को विभागीय अधिकारियों की ओर से प्रशिक्षण भी दिया जाता है. महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि वे यहां अलग-अलग तरह के उत्पाद बनाते हैं. इनमें फिनायल, कीटनाशक दवाइयां, वर्मी कंपोस्ट ,खाद, अगरबत्ती, काढ़ा, सैनिटाइजर, चूड़ियां और राखियां सहित कई चीजें शामिल हैं.