महासमुंद: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की स्थिति बड़ी दयनीय हो चुकी है. 51 दिनों के इस लॉकडाउन में मजदूरों को वापस लाने शासन-प्रशासन ने अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है, जिसके कारण प्रवासी मजदूर अपने गांव वापस आने के लिए निकल पड़े हैं. इस कड़ी में आंध्र प्रदेश से निकले मजदूरों से उनकी परेशानियों के बारे में चर्चा की गई.
ये प्रवासी मजदूर दिसंबर से अप्रैल तक बाहर कमाने खाने जाते हैं और अप्रैल के बाद इनकी वापसी होती है. बरसात के महीने में वह अपने खेतों में काम कर अपना जीवन यापन करते हैं. जहां शासन -प्रशासन मजदूरों को वापस लाने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रोज हजारों मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य पैदल आ रहे हैं. इसे देखते हुए लगता है कि शासन और प्रशासन मजदूरों को राहत मुहैया कराने में फेल साबित हुआ है.