कोरिया: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' के तहत ग्राम पंचायत सलका में गणेश स्व-सहायता समूह की महिलाएं हर्बल साबुन बना रही हैं. ये महिलाएं प्राकृतिक संसाधनों जैसे हल्दी, चन्दन, एलोवेरा, बादाम, गुलाब आदि से हर्बल साबुन तैयार कर रही हैं. इससे ग्रामीण महिलाओं को आजीविका प्राप्ति की नई राह मिली है. साथ ही बाजार में आम लोगों को भी कैमिकल रहित हर्बल साबुन प्राप्त हो रहे हैं. इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि साबुन की खरीदी में लोगों का भी खासा रूझान देखा जा रहा है. यह कार्य कलेक्टर एसएन राठौर और जिला पंचायत सीईओ तूलिका प्रजापति के मार्गदर्शन में किया जा रहा है.
कोरोना महामारी के समय में मजदूरी का कार्य करने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने रोजगार का संकट गहरा गया. महिलाओं की आजीविका की इस समस्या के समाधान के लिए जिले में एनआरएलएम 'बिहान' द्वारा महिलाओं का समूह बनाया गया और फिर सामूहिक आजीविका का कार्य करने के लिए एनआरएलएम 'बिहान' और केवीके-कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से हर्बल साबुन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.
बैंक से लिया लोन
प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण महिलाओं ने बैंक से नया काम शुरू करने के लिए लोन पर राशि ली. बैंक से प्राप्त राशि का सदुपयोग करते हुए समूह की महिलाओं ने सबसे पहले हर्बल बेस साबुन बनाने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे ऑयल, परफ्यूम, हल्दी,चन्दन, गुलाब का अर्क, एलोवेरा आदि खरीदे.