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कच्ची सड़कों से विकास की राह देखता ये गांव - भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरो

कोरिया का नंझरीपारा अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. यहां अब भी सड़क, पानी, बिजली, आवास जैसी सुविधाओं की कमी है. ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार जिम्मेदारों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन ग्रामीणों की समस्या अब भी ज्यों की त्यों बनी हुई है.

Lack of basic facilities in Salhi village
साल्ही गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी

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Published : Apr 4, 2021, 8:34 PM IST

कोरिया: भरतपुर सोनहत विधानसभा के साल्ही ग्राम पंचायत के नंझरीपारा में जहां करीब 50 की संख्या में बैगा जनजाति के लोग रहते हैं, ये विकास से कोसों दूर हैं. यहां के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इनके पास न तो सड़क है न पानी है और न ही रहने के लिए घर है. सरपंच के विधायक से कई बार शिकायत करने के बाद भी अब तक इनकी समस्या ज्यों की त्यों है.

साल्ही गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी

गांव में एक हैंडपंप तो लगा है, लेकिन गर्मी आते ही पानी इसका पानी कम हो जाता है. यहा के ग्रामीण आज भी ढोड़ी का पानी पीते हैं. अगर शौचालय की बात करें तो इन ग्रामीणों को एक भी शौचालय नहीं मिला. इन ग्रामीणों को अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा भी नहीं मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग कई बार सरपंच से अपनी समस्याओं को लेकर बात कर चुके हैं. ग्रामीणों ने सरपंच से मांग आवास की मांग की है. लेकिन अब तक समस्या की ओर कोई पहल नहीं की गई है.

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पैदल चलना होता है मुश्किल

ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने यहां आते हैं. उसके बाद दोबारा कोई नहीं आता. सड़क नहीं होने के कारण अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसको खाट के सहारे ले जाया जाता है. बरसात के दिनों में पैदल चलना भी मुश्किल होता है. गांव के लोग खेत की मेढ़ के सहारे आना जाना करते हैं. जब ज्यादा बारिश होती है तब नाले में पानी भरने से बच्चे स्कूल नहीं जाते और घर में ही रहते हैं.

विधायक को दी गई जानकारी

पंचायत सचिव गौरीशंकर शर्मा ने बताया कि यहां बैगा पनिका और धनुहर जाति के लोग रहते हैं. ये करीब 50 की जनसंख्या वाला गांव है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की समस्या के बारे में भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो को अवगत कराया गया है. जैसे ही कार्यों की स्वीकृति मिलती है काम शुरू हो जाएगा. इतना कह कर पंचायत के सचिव ने अपना पल्ला झाड़ लिया. अब देखना होगा कि कब स्वीकृति मिलेगी और कब गांव के लोगो को सुविधाओं का लाभ मिलेगा.

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