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Manendragarh Chirmiri Bharatpur: सैलरी नहीं मिलने पर शिक्षक का हाईवोल्टेज ड्रामा, सकते में जिला प्रशासन

Manendragarh Chirmiri Bharatpur एक शिक्षक ने सैलरी नहीं मिलने पर अजीबो गरीब कदम उठाया. शिक्षक ने खुद को कमरे में बंद कर लिया. वह चार दिनों से भूखा था. उसने प्रभारी प्राचार्य को सैलरी नहीं मिलने का जिम्मेदार बताया. टीचर को बाहर निकालने में पुलिस के पसीने छूट गए.

Teacher upset due to not getting salary
सैलरी नहीं मिलने से शिक्षक ने उठाया अजीबो गरीब कदम

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Published : Jul 6, 2023, 4:33 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: चिरमिरी के पोड़ी थाना क्षेत्र में एक शिक्षक समेत 25 कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला. इसके कारण शिक्षक के पास खाने तक के लिए पैसे नहीं बचे. जब सब्र का बांध टूटा तो शिक्षक ने ऐसा कदम उठाया, जिससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. शिक्षक ने सोशल मीडिया ग्रुप में अपना इस्तीफा डाला और इसके बाद खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. जब इसकी जानकारी जिला प्रशासन को पहुंची तो शिक्षक को रेस्क्यू करने के लिए पुलिस की मदद ली गई.

क्या है पूरा मामला :सहायक शिक्षक खोमेंद्र कुमार समेत 25 कर्मचारियों को पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण सभी काफी परेशान थे. वहीं शिक्षक खोमेंद कुमार ने अपना इस्तीफा ग्रुप में पोस्ट किया. इसके बाद खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. उसे कमरे से बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन, पोड़ी पुलिस समेत स्कूल का स्टाफ पहुंचा. लेकिन शिक्षक ने दरवाजा नहीं खोला. इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शिक्षक को बाहर निकाला.

एक शिक्षक पोड़ी में पदस्थ है.जिसने अपने आपको कमरे में बंद कर रखा है.बातचीत कर रहा था अंदर से लेकिन दरवाजा नहीं खोल रहा था.जिसके बाद शिक्षक लोग थे साथ में उसको अपने साथ में ले गए. रामकरण राजवाड़े, पोड़ी थाना पुलिस

प्राचार्य पर लगाए गंभीर आरोप: पुलिस ने शिक्षक को रेस्क्यू कर कमरे से बाहर निकाला. शिक्षक काफी गुस्से में था. पुलिस और जिला प्रशासन ने खोमेंद्र कुमार को कमरे से बाहर निकालकर खाना खिलाया.

कितनी बार ग्रुप में लिखकर डाला है.डीईओ के पास जाऊं या प्रिंसिपल के पास जाऊं,कहां जाऊं.मुझे नौकरी नहीं करनी हैं. कम से कम मुझे जवाब दीजिए.पहले खाना चाहिए बस. -खोमेंद्र कुमार,पीड़ित शिक्षक

शिक्षक ने सैलरी नहीं मिलने के लिए प्रभारी प्राचार्य को जिम्मेदार ठहराया. वहीं प्रभारी प्राचार्य की अपनी दलील है.

कोरिया जिले से एमसीबी जिले का विभाजन होने के बाद से डीडीओ कोड एमसीबी जिला का मिला था.यह विद्यालय कोरिया जिले में आता है. डीडीओ कोड सुधार के सभी कार्यालय में दिया गया है, जिसके कारण सैलरी नहीं हो पा रही है. रामकुमार राजवाड़े, प्रभारी प्राचार्य , शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल चित्ताझोर (पोड़ी)

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शिक्षक के इस कदम से जिला प्रशासन सकते में आ गया था. क्योंकि 25 से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी नहीं आने के कारण सभी की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि वो तकनीकी दिक्कतों को दूर कर शिक्षक समेत कर्मचारियों की सैलरी जल्द से जल्द दिलवाए.

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