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आजादी से पहले बने स्कूल भवन में संचालित हो रहीं कक्षाएं, इंजीनियर ने किया था अलर्ट - विधायक विनय जयसवाल

शासकीय अनुदान प्राप्त स्कूल के बच्चे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. नए भवन का निर्माण होने के बावजूद बच्चों को जर्जर भवन में पढ़ाया जा रहा है.

बच्चे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर

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Published : Nov 1, 2019, 6:57 PM IST

Updated : Nov 1, 2019, 8:03 PM IST

कोरिया : जिले के नगर पंचायत झगराखंड में संचालित शासकीय अनुदान प्राप्त स्कूल में बच्चे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल के इस भवन को आजादी से पहले यानी 1932 में तैयार किया गया था. वहीं RES के इंजीनियर ने सालभर पहले भवन को जर्जर बताकर कभी भी गिर जाने की बात कही थी, लेकिन आज भी स्कूल भवन जस का तस संचालित हो रहा है.

च्चे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर

बता दें कि 1932 में बने स्कूल भवन में आज भी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं, जर्जर भवन में चल रहे इस स्कूल में मिडिल और प्राइमरी के बच्चे अध्ययनरत हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 150 है . जानकारी के मुताबिक शिक्षकों ने इसकी जानकारी SDM कार्यालय में कई बार दी थी, जिसके बाद नए भवन का निर्माण कराया गया, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी नए भवन में बच्चों को शिफ्ट नहीं किया गया.

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जब ETV भारत की टीम ने विधायक विनय जयसवाल से इस विषय को लेकर बातचीत की, तो उन्होंने किसी तरह की भी जानकारी होने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि 'हम जल्द ही इस पर कार्य करेंगे और बच्चों को नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा'.

Last Updated : Nov 1, 2019, 8:03 PM IST

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