गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय ट्रैकर्स कोरिया:गुरुघासीदास नेशनल पार्क में ट्रैकर्स और पर्यटक आने लगे हैं. यहां आकर लोग ट्रैकिंग कर रहे हैं. दूर दराज से आए हुए लोगों ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क के पहाड़ियों में अपना खुद का कैंप लगाकर जंगल में घूमकर खूब आनंद उठाया. लोगों ने अपने-अपने अनुभवों को ईटीवी भारत से साझा किया. यहां आकर इन ट्रैकर्स को बहुत अच्छा लगा उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की है.
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टूरिस्टों को लुभा रहा है गुरुघासीदास नेशनल पार्क:पर्यटक ने बताया कि "हम लोग गुड़गांव से हैं. हिमालय पर ट्रैकिंग किया है. जब हम लोग को यहां छत्तीसगढ़ के जंगल के बारे में पता चला. एक डिफरेंस अनुभव लेने यहां हम लोग आए थे. काफी घना जंगल है. यहां हम लोगों को काफी कुछ देखने को भी मिला. कहीं सांप, बिच्छू और भालू देखने को मिले. बहुत अच्छा लगा. पहाड़ी पर भी हम लोगों ने चढ़ाई की और अभी यहां ठंड भी नहीं है. बहुत मजा आ रहा है. अभी हम लोग चिड़िया बांध से आ रहे हैं. यहां अच्छा लगा."
टूरिस्ट में शामिल महिलाओं ने क्या कहा:पर्यटकों में शामिल गर्ल्स ने बताया कि "मैं दिल्ली से आई हूं. मैं एक स्टूडेंट हूं. मैंने हाल में ही अभी ट्रैकिंग स्टार्ट की है. पहले तो हिमालय पर ट्रैकिंग की है. यह बहुत डिफरेंट है कि पहले मुझे वाइल्ड लाइफ देखना पड़ रहा है. लोगों से मिलना था. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. बस यही मन में आ रहा था कि मुझे एक जानवर दिख जाए."
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इको टूरिज्म डेस्टिनेशन को किया जा रहा डेवलप: गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक रंगानाथ रामकृष्ण ने बताया "राष्ट्रीय उद्यान के लिए इको टूरिज्म डेस्टिनेशन डेवलप किया जा रहा है. गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में इण्डिया हाइट्स नामक कंपनी के माध्यम से ट्रैकर्स पहुंच रहे हैं. अब तक 14 बैच के लगभग 300 ट्रैकर ट्रैक कर चुके हैं."
गुरु घासीदास से जुड़ेरंगानाथा रामकृष्ण ने कहा कि "गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में देश के कोने कोने से पर्यटकों का भी लगातार आना जारी है. यहां विभिन्न राज्यों से राष्ट्रीय स्तर के ट्रैकर अपना अलग अनुभव बयां कर रहे हैं. इसमें महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली, गुड़गांव, चेन्नई, बंगलौर आदि जगहों से आए ट्रैकर प्रति रात अलग अलग जगहों पर टैंट लगाकर रात गुजारते हैं. फिर अगले दिन जंगल में 10 किमी पदयात्रा कर जंगल में अपना कैम्प लगाकर रुकते हैं."