कोरिया: देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भी कोरोना पैर पसार चुका है. इस बीच सारी गतिविधियां थम सी गई है. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की थी. लेकिन ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण ये योजनाएं कामयाब नहीं हो सकी.
लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई बर्बाद न हो इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऑनलाइन क्लास, एजुकेशन पोर्टल, वर्चुअल क्लास, पढ़ई तुंहर दुआर जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की थी. शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई. लेकिन क्षेत्र में नेटवर्क नहीं होने से सरकार की ये योजना विफल हो गई.
कोरिया: घर-घर जाकर पौधे बांटेगा वन विभाग, पर्यावरण को हरा-भरा बनाना है उद्देश्य
अधिकारी का मिल रहा मार्गदर्शन
ग्रामीण इलाको में नेटवर्क नहीं होने के कारण क्षेत्र में अब मोहल्ला क्लास अभियान की शुरुआत की गई है. भरतपुर विकासखंड के संकुल चांटी के 8 प्राथमिक शाला और 3 माध्यमिक शालाओं में मोहल्ला क्लास संचालित किया जा रहा है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनीत सिंह, एबीओ सुर्दशन पैकरा, संकुल प्रभारी संतोष सिंह, सीएसी हरिश्चंद्र सिंह के मार्गदर्शन में मोहल्ला क्लास संचालित किया जा रहा है.
कोरोना को लेकर कर रहे जागरूक
मोहल्ला क्लास संचालन में शिक्षकों और पालकों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. इलाके में मोहल्ला क्लास की शुरुआत होने से ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि लंबे समय के बाद हमारे बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं. वहीं इस योजना में पढ़ा रहे शिक्षक बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ कोरोना महामारी के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं. साथ ही बच्चों को समय-समय पर हाथ धोने, मास्क लगाने और साफ-सफाई रखने की समझाइश दे रहे हैं.