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मनेन्द्रगढ़ नेत्रहीन विद्यालय के छात्रों की परेशानी, रोजाना स्टिक के सहारे स्कूल जाने को मजबूर छात्र - कोरिया मनेन्द्रगढ़ नेत्रहीन विद्यालय

मनेन्द्रगढ़ नेत्रहीन विद्यालय के छात्र हर दिन स्टिक के सहारे स्कूल (Manendragarh Blind School children) का सफर तय करते हैं.

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स्टिक के सहारे पहुंचते हैं स्कूल

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Published : Feb 27, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Feb 27, 2022, 9:03 PM IST

कोरिया:प्रदेश के इकलौते मनेन्द्रगढ़ नेत्रहीन विद्यालय (Manendragarh Blind School children) के छात्र रोजाना 3 से 4 किलोमीटर का सफर स्टिक के सहारे तय कर स्कूल पहुंचकर पढ़ रहे हैं. बिना किसी सहारे के यहां के 2 दर्जन से अधिक छात्र भीड़-भाड़ वाले सड़कों से होते हुए अपने-अपने स्कूल कॉलेज पहुंचते हैं फिर वहां अध्ययन कर वापस आते हैं, जब ये छात्र सड़कों से गुजरते है तो लोग हैरान रह जाते हैं.

हर दिन करते हैं कठिनाइयों का सामना

हर दिन आने-जाने के दौरान इन छात्रों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. सड़कों पर तेज रफ्तार से दौड़ती गाड़ियों के बीच ये छात्र स्कूल-कॉलेज पहुंचते हैं. तेज गर्मी की चुभन और बरसात में भीगने का डर सताता है. ऐसे में इन छात्रों की मांग है कि उन्हें बस की सुविधा मिल जाती तो इनके स्कूल-कॉलेज पहुंचने की डगर आसान हो जाती.

मनेन्द्रगढ़ नेत्रहीन विद्यालय

बता दें कि नेत्रहीन विद्यालय के ये बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व धार्मिक गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है. विद्यालय में हर शनिवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का ये बच्चे पाठ करते है. खुद से ही ये बच्चे हारमोनियम, तबला, झांझ और वाद्ययंत्रों को बजाकर लयबद्ध तरीके से ये हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पढ़ते है. नेत्रहीन होने के बावजूद ये बच्चे आउटडोर और इनडोर गेम खेलते है.

इस संस्थान के कई छात्र हुए सफल

छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले 1996 से यह नेत्रहीन विद्यालय संचालित है. यहां के छात्रों ने कई जगहों पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं. विद्यालय के पूर्व छात्र आज शासकीय नौकरी में पदस्थ हैं. कई छात्र बैंको में बैंकिंग कार्य कर रहे हैं तो कई छात्र शिक्षकीय कार्य में होते हुए दूसरों की जिंदगी रौशन कर रहे हैं.

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कलेक्टर ने की मुलाकात

जब कलेक्टर कुलदीप शर्मा को इस विद्यालय की जानकारी हुई तो वो खुद स्कूल पहुंचे और बच्चों से मुलाकात की. विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के दौरे के दौरान आमाखेरवा नेत्रहीन विद्यालय में बच्चों से मिलकर उनसे बात की. यहां के छात्रों ने जब कलेक्टर को बताया कि वे फोन पर ऑडियो के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. तो स्मार्टफोन के माध्यम से पढ़ाई करने की बात सुन कलेक्टर ने खुश होकर छात्रों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

Last Updated : Feb 27, 2022, 9:03 PM IST

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