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कोरिया का जटाशंकर धाम, जहां दुर्गम रास्तों से जाकर भक्त करते हैं भोलेनाथ के दर्शन

कोरिया के घने जंगलों और दुर्गम रास्तों के बीच बसे जटाशंकर धाम की खास महिमा है. जटाशंकर धाम में भगवान भोलेनाथ एक सकरी गुफा में विराजे हैं. यहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है.

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जटाशंकर धाम

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Published : Aug 1, 2020, 5:52 PM IST

कोरिया:भगवान भोलेनाथ के अनेकों मंदिर और ज्योतिर्लिंग आपने देखे होगें, लेकिन आज हम आपको भोले के ऐसे अदभुत धाम के बारे में दिखाने जा रहे है जहां शिव शम्भू पहाड़ों के अंदर गुफा में प्राकृतिक रूप से विराजे हैं. ये पुण्य क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित जटाशंकर धाम है.

जटाशंकर धाम की महिमा

सकरी गुफा में विराजे हैं भगवान भोलेनाथ

घने जंगलों और दुर्गम रास्तों के बीच यहां तक जाने के लिए मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड के सोनहरी या फिर बैरागी से होकर जाना पड़ता है. सोनहरी के घने जंगल में कच्चे मार्ग से होते हुए आगे करीब पांच सौ सीढ़ियों से उतरकर धाम परिसर में पहुंचा जा सकता है. वहीं बैरागी के रास्ते भी श्रद्धालु को यहां पहुचने के लिए पैदल ही पहाड़ों को पार करना पड़ता है. जटाशंकर धाम में भगवान भोलेनाथ एक सकरी गुफा में विराजे हैं.

सावन में भक्तों की भारी भीड़
वैसे तो साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है. जो यहां सकरी गुफा में प्राकृतिक रूप में विराजे भोलेनाथ के दर्शन करते हैं. मान्यता है कि इस धाम में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. गुफा में विराजे भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भोले के भक्तों को घुटने के बल बावन हाथ अंदर जाना होता है. और उसी तरह बाहर आना पड़ता है. बियावान जंगल में स्थित जटाशंकर धाम में आने के बाद भक्तों को बड़ी शांति मिलती है. श्रद्धालु अपने साथ यहां भोजन सामग्री लेकर आते है और यहीं पर भोग बनाकर प्रसाद के रूप में उसे ग्रहण करते है.

सैकड़ों साल पुराने सांप रहते हैं यहां

यहां आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि भोलेनाथ के इस क्षेत्र में सैकड़ो साल पुराने सांप रहते है लेकिन भोलेनाथ की कृपा से आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. इस धाम में शिवदास नामक बाबा अकेले रहते हैं जो कई सालों से रहकर भोले की सेवा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं का यहाँ साल भर आना जाना लगा रहता है. प्राकृतिक छटाओं से ओत प्रोत इस स्थान को एक बड़े पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है.

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