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जनकपुर में चला जिला बनाओ अभियान, सभी राजनैतिक दलों ने किया पूर्ण समर्थन

मनेंद्रगढ़ जिला बनने की घोषणा से ही कोरिया जिले के कई हिस्सों से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर नव घोषित जिला से भरतपुर का नाम हटाया जाये, ऐसी मांग कर बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोड़वाना गणतंत्र पार्टी और सभी सामाजिक संगठन, व्यापारी संगठन सभी दलों के नेता मांग कर रहे हैं.

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Published : Aug 26, 2021, 11:04 PM IST

koriya
जनकपुर में चला जिला बनाओ अभियान,

कोरिया: मनेंद्रगढ़ जिला बनने की घोषणा से ही कोरिया जिले के कई हिस्सों से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. मनेंद्रगढ़ को जिला बनाने की घोषणा के बाद बैकुंठपुर में कोरिया बचाओ के नाम से बड़ा आंदोलन किया जा रहा है. अब विकासखंड भरतपुर क्षेत्र के सभी दल के साथ तमाम ग्रामीण जनकपुर जय स्तंभ चौक में एकत्रित होकर जिला बनाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया.

वहीं कांग्रेस पार्टी मनेंद्रगढ़ को जिला बनाऐ जाने पर मुख्यमंत्री को अभिवादन तक दे चुकी थी. वह भी लगातार विरोध को देखते हुए वोट बचाने में विरोधी दलों के साथ धरने पर नजर आ रहे हैं. अब मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर नव घोषित जिला से भरतपुर का नाम हटाया जाये ऐसी मांग कर बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोड़वाना गणतंत्र पार्टी और सभी सामाजिक संगठन, व्यापारी संगठन सभी दलों के नेता भरतपुर को जिला बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.

भरतपुर छत्तीसगढ़ का पहला विकासखण्ड और पहला विधानसभा क्षेत्र है. यहां जिला मुख्यालय से 140 किमी. से 200 किमी दूर वनांचल और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. साथ ही यह अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी तहसील है जो पहले चांगभखार स्टेट के नाम से जाना जाता था. इसकी भौगोलिक क्षेत्र लगभग 90 से 100 कि.मी का क्षेत्रफल में फैला है.

मुख्यमंत्री के द्वारा 15 अगस्त को मनेंद्रगढ़ को जिला बनाने की घोषणा करने के बाद एक ओर जहां मनेंद्रगढ़ में खुशियां मनाई जा रही थी तो कई जगह विरोध शुरू हो गया. तब सरकार दबाव में आकर नए जिले का नाम मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला घोषित किया गया. जिससे चांग भखार वासियों को कोई भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष लाभ नहीं है. क्योंकि मनेंद्रगढ़ जाने के लिए चांग भखार के लोगों को 150 से 190 किमी. दूर जाना ही पड़ेगा. जिससे यहां के लोगों के सर्वागीण विकास के लिए जैसे शिक्षा स्वास्थ्य एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए 150 से 190 किमी. दूर जाना ही होगा. इसी बात को लेकर स्थानीय लोगों के नाराजगी देखी जा रही.

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