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Koriya latest news रापा ग्राम पंचायत गौठान का खस्ता हाल, महिला स्वसमूह की महिलाएं परेशान

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Published : Feb 10, 2023, 4:36 PM IST

छत्तीसगढ़ में गौठानों ने गांवों में रहने वाली महिलाओं की किस्मत बदल दी है. महिलाएं एकजुट होकर मेहनत करके धनलाभ कमा रहींं हैं. लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के कई गौठानों का बुरा हाल है. इन गौठानों की सही देखरेख ना होने के कारण यहां काम करने वाली महिलाएं परेशान हैं.कोरिया जिले का रापा गौठान ऐसे ही गौठानों में शुमार है जो बदहाल हो चुका है.

Bad condition of Rapa Gram Panchayat Gauthan
रापा ग्राम पंचायत गौठान का खस्ता हाल

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : जहां एक तरफ जिले के गौठान में समूह की महिलाओं ने वर्मी खाद विक्रय से 1 करोड़ तक का टर्नओव्हर प्राप्त किया है. वहीं दूसरी तरफ कई गौठानों की हालत खस्ता है. जिसके कारण इन गौठानों से जुड़ी महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं परेशान हैं. क्योंकि दूसरी जगहों की गौठानों में उत्पाद बनाने वाली महिलाओं को आमदनी हो रही है. ऐसा ही एक गौठान रापा ग्राम पंचायत में भी है.जिसकी हालत पर अब महिलाएं आंसू बहा रही हैं.

गौठान की हालत खस्ता : भरतपुर विधानसभा के ग्राम पंचायत रॉपा में बने गौठान की स्थिति जर्जर है. गौठान को संचालित हुए 15 से 16 महीने ही हुए हैं. लेकिन गौठान का हाल बेहाल है. जिस उद्देश्य को लेकर गौठान बनाया गया था वह कहीं से भी पूरा होता नही दिख रहा है.भरतपुर के ग्राम पंचायत रापा से महज 20 मीटर दूरी पर ही एक गौठान बनाया गया है. जिसकी हालत पूरी तरह से जर्जर हो गई है. इस गौठान में महिलाओं द्वारा कंपोस्ट खाद बनाने का काम किया जाता था. लेकिन नियमित देखरेख के अभाव में गौठान ने दम तोड़ दिया है. महिला सदस्य ने बताया कि '' गौठान की देखरेख के लिए ना तो सरपंच आते हैं और ना ही सचिव. इसके अलावा कोई अधिकारी भी निगरानी नही रखते हैं. हमने कितनी बार सरपंच सचिव को गौठान की हालत की जानकारी दी लेकिन उनकी उदासीनता के कारण गौठान आज बंद हो गया है.''

जनप्रतिनिधियों को गौठान की है जानकारी : जिला जनपद सदस्य ने बताया कि ''ग्राम पंचायत रॉपा के गौठान का मुझे जानकारी मिला. मैं भी जा चुका हूं वहां का गेट टूटा हुआ है. पूरी तरह से गौठान जर्जर हालत में है. वहां की हालत बहुत दयनीय है.जिस उद्देश्य को लेकर गौठान निर्माण किया गया वो पूरा होता नहीं दिख रहा है.'' गौठान में काम करने वाली महिला सदस्य ने बताया कि '' गौठान में पौधे तो लगे हैं लेकिन सफाई के कारण कुछ दिख नहीं रहा है. यहां साफ-सफाई सरपंच सचिव के जिम्मे है लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया जाता.गोबर खाद बनाने के लिए दूर बोरवेल से पानी डिब्बों में लाना पड़ता है. गौठान में पाइप कनेक्शन की मांग की गई थी. लेकिन वो भी नहीं लगा.''

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कमाई के बाद भी गौठान का बुरा हाल : प्रीति टोप्पो महिला समूह की अध्यक्ष ने बताया कि '' हम लोग अभी तक लगभग 66 लाख रुपए की खरीदी कर चुके हैं. वर्मी कंपोस्ट हम लोग एक करोड़ रुपए का खरीद चुके हैं. जिस पर हम लोगों को लाभांश राशि 36 लाख रुपए मिला है. जिसे हम लोग आपस में बांट लिए.'' एक तरफ जिले के कलेक्टर गौठान की प्रशंसा करते थक नहीं रहे हैं. दूसरी ओर जिले में 225 गौठान बनाए गए हैं. जहां गौठान की हालत क्या है आप देख सकते हैं. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का बुरा हाल है.

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