कोरिया: मनेंद्रगढ़ विकासखंड में पीएफ की राशि गायब होने का मामला सामने आया है. 3 साल तक काटे गए पीएफ की राशि अब तक शिक्षाकर्मियों की खाते में नहीं आई. विकासखंड में कार्यरत लगभग 700 शिक्षाकर्मियों को अब यह चिंता सता रही है कि कहीं उनकी पीएफ राशि घोटाले की भेंट तो नहीं चढ़ गई. शिक्षाकर्मियों के खाते से उनके वेतन का हर महीने 10 फीसदी काटा गया. शिक्षकों को लग रहा था कि यह राशि उनकी पीएफ खाते में डाली जा रही है लेकिन सालों बीतने के बाद भी यह राशि पीएफ खाते में नहीं आई. परेशान शिक्षाकर्मी अब नेताओं से लेकर अधिकारियों तक अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं.
एक जनवरी 2012 को तत्कालीन बीजेपी सरकार की ओर से घोषणा की गई थी कि प्रदेश में कार्यरत सभी शिक्षाकर्मियों को भी अंशदायी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा. जिसके तहत अप्रैल 2012 से 30 सितंबर 2015 तक शिक्षकों के मूल वेतन से प्रतिमाह 10% सीपीएस काटकर वेतन भुगतान किया जाता रहा. कटौती की गई राशि को शिक्षकों के सीपीएस खाते में डाला जाना था लेकिन अधिकारियों की लापरवाही कारण 700 शिक्षकों को 39 महीने तक अंशदायी पेंशन का पैसा आज तक उनके खाते में नहीं आया.
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बता दें कि 39 महीने तक लगभग 700 शिक्षा कर्मियों के खाते से 87 लाख 90 हजार 688 रुपए काटे गए. लेकिन आज तक यह राशि शिक्षाकर्मियों को नहीं मिली. राशि का पता ना तो जनपद पंचायत पंचायत और ना ही जिला पंचायत कोरिया के पास है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि शिक्षाकर्मियों के वेतन से काटी गई राशि कहां गई?