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कोरिया में 70 फीसदी बच्चे वायरल फीवर से बीमार, अस्पताल में बेड फुल

बैकुंठपुर अस्पताल (Baikunthpur Hospital) में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चे (Children Suffering from viral Fever) के मामले अधिक आ रहे हैं. बुधवार को 200 बच्चे ओपीडी में है. जिसमें 70 बच्चों को शिशु वार्ड में भर्ती किया गया. जबकि शिशु वार्ड में बेड फुल हो गए हैं. अस्पताल प्रशासन के लिए चिंता की विषय बन गई है.

Baikunthpur Hospital
बैकुंठपुर अस्पताल

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Published : Sep 22, 2021, 5:14 PM IST

कोरिया: जिले में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की आशंका के बीच जिला मुख्यालय समेत अन्य ब्लॉक में वायरल बुखार (Viral Fever) और फ्लू (FLU) कहर बरसाने लगा है. इस फीवर से 70 फीसदी बच्चे पीड़ित हैं. हालत यह है कि जिला अस्पताल में बच्चों के सभी बेड फुल हो गए हैं. अस्पताल में सामान्य वार्ड पहले ही मरीजों से भरे हुए हैं. बड़ी चिंता की बात है कि बच्चों में निमोनिया, सर्दी, खांसी, तेज बुखार जैसे लक्षण के साथ ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है.

कोरिया में वायरल फीवर का कहर

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70 फीसदी बच्चे वायरल फीवर से पीड़ित

डॉ. अमित बक्सला ( Dr. Amit Baksla) बताते हैं कि जिला अस्पताल में बुधवार को 200 बच्चे ओपीडी में आए हैं. जिसमें ज्यादातर बच्चे सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया और सांस लेने में परेशानी से जूझ रहे हैं. अस्पताल में 70 बच्चे भर्ती थे. इनमें से 10 को डिस्चार्ज कर दिया है. लगभग 10 बच्चों को सांस लेने में तकलीफ है. जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. इनमें नवजात से लेकर 7 साल तक के बच्चे हैं, लेकिन 70 फीसदी भर्ती बच्चे की उम्र एक साल से कम है.

बैकुंठपुर अस्पताल (Baikunthpur Hospital) में बच्चों के 50 बेड फुल हैं. इनमें करीब 10 बेड गैलरी में लगे हैं. बेड खाली नहीं होने के करण एक बेड में दो-दो बच्चों को भर्ती किया गया है. चाइल्ड वार्ड में भर्ती बच्चे के परिजन मिथिलेश ने कहा कि, 3 दिन से जिला अस्पताल में उनका बच्चा भर्ती है. आज ही कोरोना जांच हुआ है. अभी रिपोर्ट की जानकारी नहीं मिली है. महिलाओं ने बताया कि अपने बच्चों को लेकर भर्ती है. सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया की समस्या से अधिकांश बच्चे पीड़ित हैं.

कार्डियक अरेस्ट से हुई तीन बच्चों की मौत-सीएमएचओ

सीएमएचओ डॉ. रामेश्वर शर्मा (CMHO Dr. Rameshwar Sharma) ने बताया कि हर साल अगस्त, सितंबर और मार्च में सर्दी ,खांसी, बुखार वायरल फीवर के मरीज मिलते हैं. इस साल बच्चों में यह पाया जा रहा है. बच्चों को हायर एंटीबायोटिक और ऑक्सीजन लगाने की जरूरत पड़ी है. जिला अस्पताल में 45 बच्चों का कोरोना जांच भी कराया गया है. जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

उन्होंने कहा कि तीन बच्चों की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है. शिशु वार्ड में नया वार्ड बना लिया गया है. गुरुवार को वहां सभी मरीजों को शिफ्ट कर दिया जाएगा. सभी बच्चे तीन-चार दिन में ठीक हो कर वापस जा रहे हैं. जिला अस्पताल में दो डॉक्टर बच्चों की निगरानी कर रहे हैं. फिलहाल स्थित नियंत्रण में है.

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