कोरिया: जिले के नगर निगम चिरमिरी में खदानों की वजह से कुछ घरों में दरार पड़ गई थी. क्षतिग्रस्त घरों के हालातों को देखते हुए 22 परिवारों को स्कूल में शिफ्ट किया गया थ. इस घटना के दो हफ्ते बाद हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि आपदा की चपेट में आए लोगों को एसईसीएल अपने खाली पड़े घरों में शिफ्ट करेगा, लेकिन लगभग 3 हफ्ते बाद भी स्कूल में शिफ्ट परिवारों को मकान नहीं मिल सका है. ऐसे में प्रभावित परिवारों में आक्रोश है.
1 फरवरी की रात वार्ड नंबर 16 के एक हिस्से में लोगों को भूकंप के झटके जैसा अहसास हुआ. जिससे घबराए लोग अपने मकानों से बाहर निकल गए. उस समय उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. चिरमिरी के हल्दी बाड़ी के स्टेट बैंक के पास जमीन धंसने से सड़कों पर मोटी-मोटी दरारें पड़ गई थीं. कई घरों में भी दरारें पड़ गई थीं. एक घर पूरी तरह से गिर गया. बाकी घरों की हालत भी ठीक नहीं थी. नगरीय प्रशासन की ओर से क्षेत्र में बने मकान खाली करवा दिए गए थे.
दूसरे दिन सुबह एक बार जमीन में फिर से हलचल हुई. जिसे देखते हुए सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे. पूरे एरिया को खाली करवा दिया गया. उस रास्ते से आने-जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया. हादसे के 15 दिन बीत जाने के बाद नगरीय प्रशासन और एसईसीएल की एक बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी प्रभावित परिवारों को एसईसीएल शिफ्ट करेगा, लेकिन लगभग 3 हफ्ते से स्कूल परिसर में रह रहे लोग आज भी अपने मकान के लिए तरस रहे हैं. एसईसीएल ने कहा है कि 18 तारीख के बाद से हम खाना भी नहीं दे पाएंगे.
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लोगों में आक्रोश