कोरबा :छत्तीसगढ़ में प्रियंका गांधी की सभा होनी है.लेकिन राहुल गांधी के बदले प्रियंका का छत्तीसगढ़ आना कहीं ना कहीं इस बात को भी संकेत दे रहा है कि, कांग्रेस की रणनीति क्या है. कांग्रेस के अधिवेशन में चुनावी रणनीति से लेकर टिकट बंटवारे को लेकर भी गाइडलाइन तय हुई थी. जिसमें महिलाओं को आगे रखकर संगठन में जिम्मेदारी देने की बात कही गई. ऐसे में प्रियंका गांधी को महिला लीडरशिप के तौर पर छत्तीसगढ़ में प्रेजेंट किया जा सकता है.ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रियंका से पहले छत्तीसगढ़ में प्रदेश प्रभारी की कमान कुमारी शैलजा को सौंपी गई. लिहाजा कहीं ना कहीं, प्रदेश में महिलाओं को फोकस किया जा सकता है.जो अब तक किसी दल ने नहीं किया है.
क्या यूपी और हिमाचल की तर्ज पर लड़ेगी कांग्रेस :प्रियंका गांधी ने यूपी में लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा दिया था. चुनावी कैंपेन से लेकर टिकट बंटवारे तक महिलाओं को तवज्जो दी गई. यूपी विधानसभा में महिलाओं को 40 फीसदी सीट पर टिकट बांटे गए थे. बावजूद इसके यूपी में कांग्रेस कमाल नहीं कर सकी.लेकिन जो फीडबैक पार्टी को मिला वो काफी ज्यादा अच्छा था.लोग सीधे प्रियंका से कनेक्ट हुए. कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी प्रियंका के तेवर से महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी.अब जब एक बार फिर प्रियंका बस्तर की धरती पर गरजेंगी तो इसके सियासी मायने ना निकले ऐसा हो नहीं सकता
इंदिरा गांधी से प्रियंका के तुलना : प्रियंका के दौरे को लेकर महिला कांग्रेस की कोरबा जिला अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी का कहना है कि "महिलाएं सशक्त हो रही है. उन्हें और भी सशक्तिकरण की जरूरत है. प्रियंका गांधी के आने से इस विचारधारा को बल मिलेगा. इंदिरा गांधी एक सशक्त महिला थी, और उन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था. उन्होंने महिलाओं के हित में काफी सारे काम किया. इंदिरा गांधी की छवि प्रियंका गांधी में दिखती है. प्रियंका गांधी की सक्रियता बढ़ती है और हमें केंद्र की सत्ता यदि मिलती है. तो और भी कई सारे काम होंगे. प्रियंका की सक्रियता से छत्तीसगढ़ में न सिर्फ महिलाओं को बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को जबरदस्त फायदा होगा.''