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कोरबा: ग्रामीणों ने दो परिवारों का गांव से किया बहिष्कार, बलि का चंदा नहीं देने से थे नाराज

उरगा थाना अंतर्गत उमरेली ग्राम पंचायत में पिछले कुछ दिनों से दो परिवार के 14 सदस्यों को सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलना पड़ रहा है. दुकान बंद कराने के बाद मदन लाल श्रीवास का परिवार आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है. दोनों परिवारों ने उरगा थाना पहुंचकर लिखित में शिकायत दर्ज कराई है.

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Published : Aug 17, 2020, 2:55 AM IST

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उमरेली गांव में दो परिवारों का बहिष्कार

कोरबा: उरगा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरेली में पिछले कुछ दिनों से दो परिवार के 14 सदस्यों को सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक गांव में बीदर बलि प्रथा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें परिवार के सदस्यों ने चंदा नहीं दिया था. इससे नाराज गांव वालों ने दोनों परिवार को बहिष्कृत कर दिया. परेशान होकर दोनों परिवारों ने उरगा थाना पहुंचकर लिखित में शिकायत दर्ज कराई है.

उमरेली गांव में दो परिवारों का बहिष्कार

बहिष्कृत परिवार प्रमुख विशंभर दास ने बताया कि हमारा परिवार 50 वर्ष से गांव में निवासरत है. हमारे गांव उमरेली में 18 अगस्त को बीदर का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें गांववालों ने 13 अगस्त को बैठक बुलाया था. उस बैठक में मदन लाल श्रीवास के पिताजी उपस्थित रहे. मदनलाल श्रीवास के पिता से बलि प्रथा के लिए 300 रुपए चंदा मांगा गया, तो मदनलाल श्रीवास के पिता ने कहा कि मैं कबीरपंथी को मानता हूं. इसलिए बलि प्रथा के लिए चंदा नहीं दे पाऊंगा. गांव में और भी किसी प्रकार की सार्वजनिक कार्यक्रम होगा तो मैं उसमें चंदा दे सकूंगा.

दो परिवारों का गांव से किया बहिष्कार

मदन लाल श्रीवास का परिवार आर्थिक स्थिति से जूझ रहा

उसके दूसरे दिन गांव के कोटवार अंजोर दास मदनलाल श्रीवास के घर गया और मदनलाल श्रीवास के पिता को कहा कि आप लोग बीदर का चंदा नहीं दिए हो, इसलिए आप लोगों को गांव से अलग कर दिया गया है. आप लोग अपना दुकान बंद कर देना. गाय बछड़ों को भी घर से बाहर मत निकालना. मदन लाल श्रीवास का छोटा सा दुकान था उसे भी गांव के कोटवार ने बंद करा दिया है. दुकान बंद कराने के बाद मदन लाल श्रीवास का परिवार आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है.

दो परिवारों को चंदा नहीं देने पर गांव से बहिष्कृत कर दिया गया

इसी तरह से विशंभर दास को भी गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है. विशंभर दास ने बताया कि जिस दिन गांव में बीदर का सभा रखा गया था. उस समय विशंभर दास अपने जरूरी काम से बाहर गया हुआ था. विशंभर दास के घर में महिलाएं थी, तभी पंचायत से एक आदमी विशंभर दास को बैठक में बुलाने आया था, लेकिन विशंभर दास घर में नहीं था. इसलिए गांव की बैठक में उपस्थित नहीं हो पाया. बीदर का चंदा नहीं देने पर गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है.

दोनों परिवार के लोगों ने दर्ज कराई शिकायत

विशंभर दास का बेटा जो गांव के ही मोटरसाइकिल गैरेज में काम करता था, उसको भी बंद करवा दिया गया है. इसके कारण इन दोनों परिवारों को रोजी रोटी के लिए काफी दिक्कतें हो रही हैं. दोनों परिवारों ने उरगा थाना पहुंचकर लिखित में शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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