कोरबा: जिले के करतला विकासखंड के औराई गांव की 82 वर्षीय बुजुर्ग मंगलासो बाई पूरे गांव के लिए नजीर बन गई हैं. कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक तरफ जहां भ्रांतियां फैली हुई हैं. वहीं 82 साल की मंगलासो ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाकर मिसाल कायम कर दी है. मंगलासो से प्रेरित होकर गांव के ऐसे लोग जो वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे, उन्होंने भी अब वैक्सीन लगवा ली है.
मंगलासो बाई से प्रेरणा लेकर 332 लोगों ने लगवाया कोरोना टीका
मंगलासो बाई की प्रेरणा से गांव के 332 लोगों ने अब तक कोरोना से बचने के लिए टीका लगवा लिया है. 45 वर्ष से अधिक उम्र के 273 और 18 साल से अधिक उम्र के 59 लोगों ने इस गांव में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बचाव कवच पहन लिया है.
देश की आजादी से पहले 1939 में जन्मी मंगलासो बाई करतला विकासखंड में धुर आदिवासी क्षेत्र की निवासी है. मंगलासो बाई अपने घर में अकेले ही रहती है और इस उम्र में भी पूरी सक्रियता के साथ दैनिक दिनचर्या के अपने सभी काम वह खुद ही करती हैं. उनके पास प्राथमिकता परिवार का राशनकार्ड है, जिस पर उन्हें हर महीने 10 किलो चावल मिलता है.
मार्च में लगवाया था पहला कोरोना टीका
मंगलासो बाई बताती हैं कि मार्च के महीने में जब कोरोना का टीका लगाने का काम गांव में शुरू हुआ तो लोग टीके के बारे में फैली भ्रांतियों से डर कर टीका लगवाने से कतराते थे. इन अफवाहों को दर किनार करते हुए मंगलासों बाई ने 13 मार्च को पहला कोरोना का टीका लगवाया. टीका लगाने के बाद थोड़ा बदन दर्द और सिर दर्द हुआ लेकिन दूसरे ही दिन शरीर दर्द ठीक हो गया. गांव वालों ने उन्हें पहले की तरह ही काम करते देखा. टीका लगने के बाद भी बुजुर्ग मंगलासो बाई के पहले की तरह ही काम करने, तबीयत ठीक रहने से लोगों में कोरोना वेक्सीन को लेकर फैले भ्रम और अफवाहों पर विराम लग गया. 11 मई को उन्होंने कोरोना टीके का दूसरा डोज लगवाया. अब भी वे पूरी तरह स्वस्थ है.