कोरबा:आपने फिल्म कुली नंबर वन तो देखी ही होगी.जिसमें एक कुली अपने प्यार को पाने के लिए कई तरह के जतन करता है. आखिरकार वो अपने प्यार को पाने में कामयाब हो जाता है. ठीक इसी तरह एक कुली को भी किसी चीज से बेइंतहां मोहब्बत हो गई. जिसे पाने के लिए उसने दिनरात एक कर दिया. कोरबा जिले के रेलवे स्टेशन में काम करने वाला एक कुली दीपक, जिसे उसके साथी कुली नंबर वन के नाम से जानते हैं. उसने बड़ी छलांग लगाई है. दीपक ने भिलाई में आयोजित राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में प्रदेशभर के खिलाड़ियों को धूल चटाते हुए विजेता होने का गौरव प्राप्त किया है. दीपक स्टेट चैंपियन बन चुके हैं, उनकी इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके साथी. बल्कि जिले भर में खुशी की लहर है.
korba coolie number one : कोरबा का कुली नंबर वन, बना छत्तीसगढ़ का वेटलिफ्टिंग चैंपियन, ऐसे हासिल किया मुकाम ! - छत्तीसगढ़ का वेटलिफ्टिंग चैंपियन
आज हम आपको ऐसे कुली की कहानी बताने जा रहे हैं. जिसने अपनी लगन और मेहनत से कई लोगों को आईना दिखाने का काम किया है. मेहनत के बूते वजन उठाकर अपना पेट पालने वाले इस शख्स ने अपने जुनून को पाने के लिए कुछ ऐसा किया.जिससे अब वो हर जगह मशहूर हो चुका है. Porter of Korba became power lifter
कौन है दीपक पटेल :दीपक पटेल बीते कई वर्षों से कोरबा के रेलवे स्टेशन में ही काम करते हैं. दीपक ट्रेन से आने वाले सामान के लोडिंग और अनलोडिंग करने का काम करते हैं। दीपक ने बताया कि "दुर्ग के खुर्सीपार श्रीराम चौक में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर लिफ्टिंग एंड बेंच प्रेस चैंपिनशिप में गोल्ड मेडल मिला है. अंडर 55 किलोग्राम वेट कैटेगरी में स्क्वाट में 165 किलोग्राम, बेंच प्रेस में 85 किलोग्राम, डेड लिफ्ट में 110 किलोग्राम का वजन उठाया था. कुल 360 किलोग्राम वजन उठाकर सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़कर सभी कैटेगरी में गोल्ड हासिल किया. इससे पहले भी मैने अलग अलग प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल प्राप्त किया है. मैं कोरबा रेलवे स्टेशन के जिम मे ही ट्रेनिंग करता हूं. यहां मेरे कोच और हम सब ने मिलकर काफी मेहनत की है. जिसका आज हमें यह परिणाम मिला. अपनी इस उपलब्धि से मैं बेहद खुश हूं, गुरुजनों का भी आभारी रहूंगा".
ये भी पढ़ें-जम्मू के बाद छत्तीसगढ़ में मिला लिथियम का भंडार
कुली का काम करते हुए बने वेटलिफ्टिंग चैंपियन : दीपक आगे कहते हैं कि "पहली बार मैंने 2021 में यह प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. मेरे गुरु रिकार्डो सर ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया. पहली बार में ही जब मैंने सिल्वर मेडल जीता. तब लगा कि मैं इसमें आगे भी कुछ कर सकता हूं. फिलहाल मैं 360 किलो वेट उठा रहा हूं, लेकिन मेरी तैयारी 500 किलो वेट उठाने की होनी चाहिए. इसके लिए मुझे और भी बेहतर तैयारी की जरूरत है और संसाधन जुटाने होंगे. मेरी इच्छा है कि 1 दिन मैं इंटरनेशनल लेवल पर भारत के लिए खेलूं और गोल्ड मेडल जीत कर लाऊं.''