कोरबा:छत्तीसगढ़ ओलंपिक महासंघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा (Chhattisgarh Olympic Federation general secretary Gurcharan Singh Hora) कोरबा प्रवास पर हैं. इस दौरान ओलंपिक संघ के अधीन तीन अलग-अलग खेल के पदाधिकारियों से उन्होंने मुलाकात की है. गुरुचरण सिंह ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सभी खेलों के समग्र विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है. पहली बार छत्तीसगढ़ में खेल प्राधिकरण का गठन (Formation of Sports Authority in Chhattisgarh) किया गया है. राजीव मितान क्लब ( Rajiv Mitan Club) को 75 करोड़ रुपये की राशि बजट से प्रदान प्रदान की गई है. इससे खेलों को बढ़ावा मिलेगा.
छत्तीसगढ़ में पहली बार बना खेल प्राधिकरण, सभी खेलों को मिलेगा बढ़ावा: गुरुचरण सिंह होरा
छत्तीसगढ़ में पहली बार खेल प्राधिकरण का गठन (Formation of Sports Authority in Chhattisgarh) किया गया है. राजीव मितान क्लब ( Rajiv Mitan Club) को 75 करोड़ रुपये की राशि बजट से प्रदान प्रदान की गई है. इससे खेलों को बढ़ावा मिलेगा. इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ ओलंपिक महासंघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने दी.
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हॉकी और अर्चरी एकेडमी की होगी शुरुआत
होरा ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में हॉकी की प्रतिभाएं सामने आती रही हैं. प्रदेश में हॉकी एकेडमी के साथ ही बस्तर क्षेत्र में आर्चरी की एकेडमी संचालित किए जाने का प्लान है. बस्तर के आदिवासी बेल्ट में तीर धनुष एक पारंपरिक विधा रही है. यहां से ही प्रतिभाओं को निखारने का काम प्रदेश सरकार करेगी. होरा वर्तमान में ओलंपिक एसोसिएशन के साथ ही अन्य संगठनों में भी सक्रिय हैं. ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष स्वयं सीएम भूपेश बघेल हैं.
होरा ने कहा कि, इसका खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा. ओलंपिक एसोसिएशन के अधीन 30 खेलों के अध्यक्ष सचिव काम करते हैं. हमारा प्रयास है कि, सभी खेलों का समग्र विकास किया जाए. किसी भी खेल को पीछे न छोड़ा जाए.
सार्वजनिक उपक्रमों पर नहीं बना सकते दबाव
छत्तीसगढ़ में बालको, एनटीपीसी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने कई खेलों को गोद लिया है. लेकिन इनके आयोजन और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं होते. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, वह किसी भी सार्वजनिक उपक्रम पर दबाव नहीं बना सकते. उन्हें आयोजन के लिए प्रेरित जरूर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण खेलों को खेलने वाले खिलाड़ियों की तादाद में कमी आई है. मैदान सूने हैं, इंडिविजुअल खेलों को खेलने वाले खिलाड़ी सामने नहीं आ रहे हैं.