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रिटायर्ड प्रिंसिपल ने DEO पर लगाया रिश्वत का आरोप, अधिकारी ने आरोपों को नकारा

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Published : Jun 1, 2020, 6:04 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 9:08 PM IST

कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय पर विभाग के ही एक रिटायर्ड प्रिंसिपल ने रिटायरमेंट के बाद पेंशन और अन्य मामलों के निराकरण के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. उधर डीईओ ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि, रिटायर्ड कर्मचारी ने अब तक अपना नो ड्यूज सर्टिफिकेट जमा नहीं किया है. इसलिए उनकी राशि रोकी गई है. डीईओ ने आरोपों को बेबुनियाद बताया.

DEO accused of demanding bribe
DEO पर रिश्वत मांगने का आरोप

कोरबा : कोरबा के जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय एक बार फिर विवादों के घेरे में है. इस बार DEO सतीष पांडेय पर विभाग के ही एक रिटायर्ड प्रिंसिपल ने रिटायरमेंट के बाद पेंशन और अन्य मामलों के निराकरण के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. जिसकी लिखित शिकायत बाकायदा कलेक्टर कोरबा से भी की गई है.

DEO पर रिश्वत मांगने का आरोप

जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजगामार से सेवानिवृत्त प्राचार्य घनश्याम जाटवर ने कलेक्टर से लिखित शिकायत की है. जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि 'पिछले साल 30 अप्रैल को वह रजगामार स्कूल से रिटायर हुए थे. इसके बाद 25 अप्रैल 2019 से लेकर 29 जुलाई के मध्य पेंशन राशि सहित नकदीकरण, बीमा, समूह राशि, जीपीएस आदि प्रदान करने के लिए आवेदन करते रहे. लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से भी DEO को पत्र प्रेषित किया गया'.

जाटवर आगे कहते हैं कि 'वह परेशान होकर हाईकोर्ट की शरण में भी गए. हाईकोर्ट ने मामले को 45 दिन के अंदर निराकरण करने का आदेश दिया. जाटवर का आरोप है कि इस अवधि में भी डीईओ ने ना तो लोक शिक्षण संचनालय को जवाब प्रेषित किया और ना ही हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया'.

'परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान'

उन्होंने बताया कि नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया से भी शिकायत की गई थी. जिसके बाद एसपी के निर्देश पर पेंशन की 90% राशि 12 मार्च को जारी की गई है. जबकि शेष राशि अब भी लटका कर रखी गई है. पूरा परिवार आर्थिक, मानसिक रूप से परेशान है. उन्होंने लिखा है कि ऐसे में यदि कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसके लिए पूरी तरह से लेखापाल सत्यपाल और डीईओ सतीश पांडेय ही जिम्मेदार होंगे.

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DEO सतीश पांडे ने बताई ये वजह

इस संबंध में डीईओ सतीश पांडे से बात की गई, उनका कहना है कि 'किसी भी व्यक्ति का पेंशन फाइनल करने के पहले उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करना होता है. जिसमें यह दर्शाया जाता है कि संबंधित कर्मचारी की विभाग से अब किसी भी तरह की कोई देनदारी बाकी नहीं है. जाटवर ने प्रमाण पत्र अब तक पेश नहीं किया है, रजगामार स्कूल में 10 लाख की राशि से निर्मित अटल टिंकरिंग लैब का हिसाब-किताब अभी पेंडिंग है. इसलिए उनकी पेंशन राशि जारी करने की प्रक्रिया अधूरी है.

Last Updated : Jun 1, 2020, 9:08 PM IST

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