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रेलवे प्रबंधन ने नहीं निभाया वादा, रेल संघर्ष समिति ने की FIR की मांग - कोरबा रेल प्रबंधन

रेलवे प्रबंधन के वादे पूरे नहीं होने पर रेल संघर्ष समिति ने वादा पूरा नहीं करने वाले रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ FIR की मांग को लेकर पुलिस को ज्ञापन सौंपा है.

Rail Sangharsh Samithi submitted memorandum to police for filing FIR in korba
FIR दर्ज करने के लिए पुलिस को सौंपा ज्ञापन

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Published : Jan 7, 2020, 8:50 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 9:31 PM IST

कोरबा :रेल प्रबंधन की ओर से किए गए वादे पूरे नहीं होने पर अफसरों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए रेल संघर्ष समिति ने पुलिस को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में स्पष्ट तौर पर वादा पूरा नहीं करने वाले अफसरों पर FIR दर्ज करने की मांग की गई है.

FIR दर्ज करने के लिए पुलिस को सौंपा ज्ञापन

रेल संघर्ष समिति का मानना है कि सितंबर 2019 में कोरबा जिले से जुड़ी रेलवे की समस्याओं के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा किया गया था. तब रेलवे के अधिकारियों ने कोरबा पहुंचकर पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष समस्याओं के सुलझाने की बात कही थी. रेल अफसरों ने आनन-फानन में एक आदेश भी जारी कर दिया था, जिसमें सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, जिससे आक्रोशित होकर समिति के सदस्यों ने झूठा आश्वासन देने वाले अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है.

FIR दर्ज करने के लिए पुलिस को सौंपा ज्ञापन

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परिवाद दायर करने की भी तैयारी
समिति के सदस्य और वरिष्ठ वकील अशोक तिवारी ने बताया कि 'रेलवे प्रबंधन ने सितंबर 2019 में विधिवत आदेश जारी करके समस्याओं के समाधान की बात कही थी. इसके बाद भी वादे अब भी अधूरे हैं. इसीलिए ये एक कूटरचित आदेश था, जो सीधे तौर पर गैरजमानती अपराध और 420 की श्रेणी में आता है. यदि ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो हम न्यायालय में परिवाद भी दायर करेंगे'.

कोरबा की ट्रेनें होती हैं प्रभावित
दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर जोन में मरम्मत कार्य किसी भी रेलवे स्टेशन में चल रहा हो. सबसे पहले कोरबा की ट्रेनों को रद्द किया जाता है, जबकि इसी रूट के अन्य रेलवे स्टेशन जांजगीर-चांपा, रायगढ़ जिले की ट्रेनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.

कोरबा से सर्वाधिक राजस्व
माल ढुलाई के दम पर दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर जोन में सर्वाधिक राजस्व देने के मामले में कोरबा अव्वल है. कोरबा के दम पर ही बिलासपुर जोन देशभर में सर्वाधिक राजस्व देने वाला जोन है. इसके बावजूद रेल सुविधाओं के मामले में लंबे समय से कोरबा उपेक्षित रहा है. ऊर्जाधानी से कोयला ढुलाई के बदले में मिलने वाला राजस्व सीधे केंद्र सरकार को जाता है, लगातार दोहन होने के बाद भी कोरबा में रेल सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका है. इसके विपरीत कोरबा से परिचालित होने वाली लगभग सभी ट्रेनें अपने समय से लेट रहती हैं. हसदेव एक्सप्रेस जब से शुरू हुई है, ये लगातार लेट चल रही है. इससे लोगों में आक्रोश और ज्यादा पनप रहा है.

Last Updated : Jan 7, 2020, 9:31 PM IST

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