कोरबा : त्योहारों के सीजन (diwali 2022 ) में बाजार में तेल की किल्लत और बढ़े हुए दाम से जनता परेशान है. बीते 1 से 2 सप्ताह के भीतर ही रिफांइड तेल के दाम में प्रति लीटर लगभग 20 रुपये का उछाल आया है. जिससे आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा है. खास तौर पर दिवाली में लोग तरह-तरह के पकवान बनाने के साथ ही दीये जलाने के लिए भी तेल का उपयोग करते हैं. ऐसे समय मे तेल के बढ़े हुए दाम से जनता में कहीं न कहीं आक्रोश व्याप्त है.
त्यौहारी सीजन में बढ़े तेल के दाम, जनता महंगाई से परेशान 15 दिनों में ही बढ़े दाम :किराना दुकान संचालक आसिफ मेमन ने बताया कि "बीते 15 दिनों में रिफाइंड तेल के दाम में तेजी आई है. जिसके कारण हमें 150 से लेकर 160 रुपये प्रति लीटर ले दाम पर इसका विक्रय करना पड़ रहा है. थोक मूल्य में बढ़ोतरी होने के कारण खुदरा व्यापार में भी दाम बढ़े हैं. जबकि 15 दिन पहले तक यही दाम 20 रुपये प्रति लीटर कम थे. दीवाली जैसे-जैसे करीब आ रही है. तेल ले दाम बढ़ रहे हैं. डिमांड के मुताबिक हमें रिफाइंड तेल उपलब्ध भी नहीं हो पा रहा है. थोक व्यापारी स्टॉक की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. वह स्टॉक में कमी की बात कह रहे हैं. इसके कारण भी डैम बढ़े हुए हैं. आम लोग जब तेल खरीदने आ रहे हैं. तब वह हमें खरी-खोटी सुनाते हैं. लेकिन दाम ऊपर से ही बढ़ रहे हैं. इसलिए हम भी बढ़े हुए दाम पर ही इसका विक्रय करने पर विवश विवश (Public upset due to increase price of edible oil ) हैं.
त्योहार के कारण शॉर्टेज : सुपर मार्केट के संचालक रामसेवक अग्रवाल का कहना है कि "त्यौहार आने के कारण तेल के स्टॉक में कुछ शॉर्टेज जरूर है. लेकिन लोग अब भी तेल खरीद रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि लोग बिल्कुल भी तेल अफोर्ड नहीं कर पा रहे हैं, हालांकि दाम में परिवर्तन जरूर हुए हैं. लेकिन व्यापार सामान्य दिनों की तरह ही जारी है. शहर की निवासी कृतिका का कहना है कि "खासतौर पर पर दिवाली में घर में पकवान बनाए जाते हैं. दीये जलाने के लिए भी तेल का उपयोग होता है. ऐसे में तेल के दाम बढ़े हुए हैं. तब हमारी जेब पर बोझ बढ़ रहा है. तेल खरीदने में हमारे बैंक अकाउंट की पूंजी ही जल जा रही है".
खाद्य विभाग है बेबस: इस विषय में खाद्य अधिकारी जेके सिंह ने बताया कि '' बाजार में किसी वस्तु के मूल्य, डिमांड-सप्लाई पर आधारित होते हैं. कोरोना काल में इस तरह के कार्यों पर हमने कार्रवाई की थी. लेकिन अब बाजार लाइसेंसी और अन्य नियमों से मुक्त है. इस पर हमारा कोई भी नियंत्रण नहीं है. त्योहारों के समय डिमांड अधिक हो जाने के कारण मांग में वृद्धि हुई होगी. अब हमें केवल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के लिए सैंपलिंग का अधिकार है. जो खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से की जाती है". korba latest news