कोरबा:बिजली घरों को कोयला की आपूर्ति के नाम पर कोरबा से चलने वाली यात्री गाड़ियों को रेलवे ने खिलौना बना दिया (Problems of train passengers in Korba) है. मालगाड़ियों को जल्दी पार करने के चक्कर में विशाखापट्टनम कोरबा लिंक एक्सप्रेस को उरगा में 1 घंटे तक रोक दिया गया. भीषण गर्मी में यात्री काफी परेशान रहे. जिससे नाराज कोरबा स्टेशन में परिजनों ने रेल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. और रेल प्रबंधन को फटकार लगाई.
कई क्षेत्रों में यात्री गाड़ियां बाधित: विभिन्न राज्यों को उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए रेलवे के द्वारा कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की खदानों से कोयला की सप्लाई माल गाड़ियों के जरिए की जा रही हैं. यह काम आसान तरीके से हो, इसके लिए शेषनाग, सुपर वासुकी नाम से तीन या चार रैक को एक साथ जोड़कर चलाया जा रहा है. इससे कई यात्री गाड़ियां अलग-अलग क्षेत्रों में बाधित हो रही हैं. रेलवे के द्वारा कोरबा जिले से चलने वाली यात्री ट्रेनों को उपेक्षित करते हुए उनके स्थान पर केवल माल गाड़ियों के परिचालन पर जोर दिया गया है. मनमाने तरीके से यात्री ट्रेनों को रास्ते में रोकने के साथ केवल माल गाड़ियां पार की जा रही हैं.
यात्री हो रहे परेशान: विशाखापट्टनम से कोरबा के बीच चलने वाली लिंक एक्सप्रेस को इसी कारण से उरगा स्टेशन में 1 घंटे से भी अधिक समय तक के लिए रोक दिया गया. यात्री गर्मी में भूख प्यास से उबलते रहे. स्टेशन पर उनकी प्रतीक्षा कर रहे परिजनों को भी बेहद परेशान होना पड़ा. मामले की जानकारी होने पर यात्रियों के परिजनों ने रेलवे अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी. इस दौरान अधिकारी वहां टाइम पास करते नजर आए. यार्ड मास्टर से लेकर अन्य अधिकारियों के पास इस बारे में कोई जवाब नहीं था कि लिंक एक्सप्रेस को उरगा में रोककर क्यों रखा गया है.