कोरबा : मानसून का इंतजार किसानों को रहता है. किसानी भाषा में इसे खरीफ सीजन कहते हैं.इस सीजन में किसान अपने खेतों को फसल के लिए तैयार करते हैं.क्योंकि बारिश के कारण कुदरती पानी में उनकी पैदावार काफी अच्छी होती है.जुलाई के आखिर तक किसान अपने खेतों में रोपाई का काम करते हैं.लेकिन छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में बारिश उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई.जिसके कारण किसान रोपाई का काम पूरा नहीं कर सके हैं.जुलाई का महीना खत्म होने को है.बात यदि कोरबा जिले की करें तो कृषि विभाग ने जो आंकड़ें दिए हैं वो चौकाने वाले हैं.क्योंकि जिले में अब तक महज 55 फीसदी ही बुआई हो पाई है.बाकी के किसान बारिश के इंतजार में है.अब यदि बारिश नहीं हुई तो किसान शायद ही बोनी करें.इसलिए जुलाई के आखिरी 8 दिन काफी महत्वपूर्ण है.
पानी नहीं गिरने से किसान परेशान : कोरबा के रिसडी और आसपास के गांव में भी किसान खेती किसानी करते हैं. किसान संतराम कंवर के मुताबिक इस साल काफी मुश्किल हो रही है. बरसात थोड़ी कम हुई है. जिसके कारण रोपा का काम नहीं हो पाया है.नर्सरी तैयार करने के बाद खेतों की जुताई कर ली गई है.रोपा भी तैयार है.लेकिन जब तक खेतों में पर्याप्त पानी नहीं आ जाता तब तक रोपा नहीं लगेगा.यदि आने वाले दिनों में भी बारिश नहीं हुई तो धान की पैदावार घट जाएगी. सुबह से लेकर शाम तक कीचड़ में डूबकर फसल तैयार करने वाले लगभग सभी किसानों की हालत ऐसे ही है. किसान रामकुमार ने भी अपने खेत के बारे में जानकारी साझा की.
''अभी मैं रोपा लगाने के लिए खेत तैयार कर रहा हूं. खेत में जो घास और अनचाहे पौधे उग गए हैं। वह निकालना होता है, यदि उन्हें नहीं हटाया तो वह धान की फसल को बढ़ने से रोकते हैं. खेतों की जुताई ट्रैक्टर से पूरी कर ली है. हमारे परिवार के पास 4 से 5 एकड़ खेत हैं. पिछले साल 10 क्विंटल धान उगा लिया था. इसमें से कुछ हम मंडी में बेच आते हैं, तो कुछ अपने खाने के लिए रख लेते हैं.'' रामकुमार,किसान