कोरबा: नया साल शुरू होने के ठीक पहले 31 दिसंबर की रात जिले के दीपका थाना क्षेत्र के ग्राम झाबर में 2 अज्ञात आरोपियों ने एक महिला के सिर में गोली मार दी थी. हालांकि गोली महिला की कनपटी को छूकर निकल गई और उसकी जान बच गई. इस गोलीकांड ने नए साल के जश्न में खलल डाला था. घटना के बाद पूरा पुलिस महकमा हरकत में आ गया था. मामले में लाख प्रयास के बाद भी पुलिस को सुराग नहीं मिल रहा था. आखिरकार घटना के 1 महीने के बाद गोलीकांड के रहस्य को पुलिस ने सुलझा लिया (Korba firing case) है. गोलीकांड के दोनों आरोपी धरम सिंह राजपूत और जावेद अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया (Korba firing case accused arrested) है.
कोरबा गोलीकांड की सुलझी गुत्थी ये है पूरी घटना
घटना 31 दिसंबर 2021 के रात तकरीबन 10:30 बजे की है. झाबर निवासी सरोजनी बाई (25) के घर में घुसकर दो अज्ञात युवकों ने सिर में गोली मारकर घर में रखे 50 हजार रुपये लूट लिए थे. घटना को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गए थे. जिस पर थाना दीपका में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर जांच की जा रही थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मामले की तफ्तीश के विशेष निर्देश दिये थे. नगर पुलिस अधीक्षक दर्री लितेश सिंह की अगुवाई में साइबर सेल कोरबा और थाना दीपका का संयुक्त टीम बनाकर मामले के हर एंगल की बारीकी से जांच की जा रही थी. लेकिन लगातार प्रयासों के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही थी.
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पीड़िता के पति से पुलिस ने की पूछताछ
मामले की पीड़िता के पति सनी से पूछताछ की गई. उसने बताया कि घटना के दिन में ट्रैक्टर का लोन चुकाने के लिये 50 हजार रुपये आलमारी में रखे थे. इसकी जानकारी अपने करतला निवासी दोस्त जावेद को दी थी. वह घटना के दिन दीपका भी आया था. घर में पैसा होने की जानकारी मिलने पर जावेद बांकीमोंगरा ने अपने दोस्त धरमसिंह राजपूत के पास जाकर सारी बातें बताई. दोनों ने पैसे लूटने का प्लान बनाया और रात को करीब 9:30 बजे दोनों पिस्टल लेकर सनी के घर के पास इंतजार करने लगे. जैसे ही सनी घर से बाहर गया, मौका पाकर दोनों आरोपी घर में घुस गये. सरोजनी बाई को गोली मारकर आलमारी में रखे 50 हजार रुपये लूटकर भाग गये. जब दोनों आरोपी घटना को अंजाम देकर भाग रहे थे तभी वे लोग सनी के पड़ोसी कोन्दा से टकरा गये. उसने दोनों आरोपियों को पहचान लिया था. आरोपी जावेद ने बताया कि धरमसिंह राजपूत पिस्टल लेकर आया था और नशे में गोली चल गई. लेकिन उसकी गोली मारने की नीयत नहीं थी.
मूक-बधिर व्यक्ति ने की पहचान
घटनास्थल पर झाबर में जहां महिला को गोली मारी गई थी, वहां पड़ोस में एक मूक-बधिर व्यक्ति रहता है. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी जब भाग रहे थे, तब वह इसी मूकबधिर से टकरा गए थे. लेकिन पुलिस को यह बात देर से पता चली. जिसने बताया कि उसने आरोपियों को भागते हुए देखा था. पुलिस ने जब आरोपियों को पकड़ा तब इसी मूकबधिर व्यक्ति ने आरोपियों को पहचाना. उसने इस गोलीकांड को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है.
नदी में फेंक दिया था पिस्टल
घटना के बाद मामले के मुख्य आरोपी धरमसिंह राजपूत ने पकड़े जाने के डर से पिस्टल नदी में फेंक दिया था. मामले में उक्त दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा दिया गया है. घटना में इस्तेमाल किया गया पिस्टल अभी नहीं मिला है.