कोरबा: एक ओर जहां पूरा प्रदेश होली के रंग में सराबोर है, चारों ओर रंग और गुलाल उड़ रहे हैं और उमंग ने समां बांध रखा है, वहीं कोरबा जिले की पुरेना ग्राम पंचायत के आश्रित गांव खरहरी में न तो होली की उमंग है न रंगों का हुड़दंग, न भांग का प्रसाद है न गुझिया की मिठास. दरअसल इस गांव में पिछले एक दो नहीं बल्कि डेढ़ सौ साल से होली न तो जलाई गई और न ही खेली गई.
गांव में होली न मनाने की मान्यता जितनी पुरानी है वजह उनती ही खास. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि कई साल पहले होलिका दहन के दौरान आग ने गांव को अपनी चपेट में ले लिया था और तभी से यहां होलिका दहन नहीं किया जाता. गांववाले इसके पीछे की वजह दैविय प्रकोप को बताते हैं.