कोरबा : गेवरा एरिया को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है. इस लक्ष्य के पहले ही 19 मार्च तक की स्थिति में खदान ने 50 मिलियन कोयला उत्पादन का टारगेट पूरा कर लिया है. वहीं बचे हुए दिनों में खदान को सिर्फ 2 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना होगा. 19 मार्च की स्थिति में खदान को 49.65 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया था. जबकि इसी दरमियान गेवरा से 50.01 मिलियन टन कोयले का उत्पादन पूरा हो चुका है. इस साल गेवरा एरिया के अपने उत्पादन लक्ष्य से आगे निकलने की पूरी संभावना है.
कोयला मंत्री ने थपथपाई पीठ : इस उपलब्धि पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट करके एसईसीएल की पीठ थपथपाई है. प्रह्लाद जोशी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "भारत के इतिहास में यह पहली बार है. जब किसी खदान ने 50 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. इसके लिए एसईसीएल को बधाई. कोयला सेक्टर के इतिहास में गेवरा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा".
पूरे देश में जाता है कोरबा का कोयला : एसईसीएल की कोयला खदानों से उत्पादित कोयला देशभर के पावर प्लांट को सप्लाई किया जाता है. जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं. इसमें कोरबा की अहम भागीदारी है. कोरबा जिले में गेवरा के साथ ही कुसमुंडा और दीपका जैसी मेगा परियोजनाएं संचालित हैं. जहां देश भर के लगभग 20 फीसदी कोयले का उत्पादन होता है. इससे देश भर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाता है.
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200 मिलियन टन उत्पादन का सपना : इस मौके पर एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा गेवराई पहुंचे थे. मिश्रा ने कहा कि "देश के किसी खदान में पहली बार 50 मिलियन टन के उत्पादन को छुआ है. यह बड़े गर्व का विषय है. अब हम और भी अधिक उत्पादन का नया सपना देखेंगे. एसईसीएल का मौजूदा वित्तीय वर्ष में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है. अब तक हम 157 मिलियन टन का उत्पादन कर चुके हैं. हमारा सपना है कि हम 200 मिलियन टन के आंकड़े को 1 दिन पार करें".